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उत्तर प्रदेश: परंपरा, आस्था और तपस्या का अनोखा संगम है जितिया,14 सितंबर को रखा जाएगा निर्जला व्रत

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उत्तर प्रदेश  Published by: Anand Kumar (UP) , Date: 11/09/2025 01:10:41 pm Share:
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  • 11/09/2025 01:10:41 pm
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संक्षेप

उत्तर प्रदेश: हिंदू धर्म में जितिया व्रत बहुत ही लाभकारी एवं महत्वपूर्ण माना जाता है।

विस्तार

उत्तर प्रदेश: हिंदू धर्म में जितिया व्रत बहुत ही लाभकारी एवं महत्वपूर्ण माना जाता है। संतानवती महिलाओं के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत का खास महत्व है, जिसका उपवास वो अपने बच्चों की लंबी आयु और खुशहाल जीवन के लिए रखती हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार माता और संतान के बीच अटूट संबंध को दर्शाने वाला जितिया का निर्जला व्रत हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी माताएं पूरे विधि विधान से व्रत और पूजा करती हैं। उनकी संतान को लंबी उम्र उज्जवल भविष्य तथा अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा निःसंतन महिलाओं को जल्द ही संतान की प्राप्ति होती है। इस दिन माताएं जीमूतवाहन  की पूजा करती हैं और अपनी संतानों के लिए आशीर्वाद मांगती हैं। इस दिन व्रत करने के साथ जो माताएं पूजा के दौरान व्रत कथा पढ़ती हैं या पुरोहितों के द्वारा सुनती हैं उन्हें कभी भी संतान से वियोग नहीं सहना पड़ता है तथा उनके परिवार पुत्र, पौत्र से पूर्ण होता है। उनको लंबी आयु मिलती है और वह निरोगी रहते हैं। पूजा-पाठ तथा कथा सुनने के पश्चात पुरुषों को दान- दक्षिणा देकर विदा किया जाता है। इस व्रत के बारे में सबसे पहले भगवान शंकर ने माता पार्वती को कैलाश पर्वत पर बताया था। अष्टमी के दिन किए जाने वाले इस व्रत की तैयारी एक दिन पहले सप्तमी के दिन से नहाए खाए के साथ शुरू होती है। अष्टमी के दिन 24 घंटा निर्जला व्रत रखकर नवमी को सुबह मुहूर्त के अनुसार पारण होती है। जीवित्पुत्रिका व्रत का मुख्य उद्देश्य संतान की सुरक्षा और दीर्घायु के लिए के लिए भगवान की कृपा प्राप्त करना है। इस व्रत की मान्यता है कि यह व्रत करने वाली महिलाओं की संताने स्वस्थ दीर्घायु व सूखी रहती है। यह व्रत विशेष रूप से माता और संतान के बीच अटूट बंधन को भी दर्शाता है। इस व्रत को करने से संतान पर आने वाले कष्ट और आपदाओं से रक्षा होती है। इस साल 13 सितंबर को नहाए खाए से शुरू होगी। इसके अगले दिन 14 सितंबर को विधि- विधान से जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाएगा। जितिया व्रत की अष्टमी तिथि 14 सितंबर को सुबह 5 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 15 सितंबर को सुबह 3 बजकर 06 मिनट पर होगा।  इसके साथ ही जितिया व्रत का पारण 15 सितंबर सोमवार को होगा।