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Delhi Artificial Rain Trial: दिल्ली में क्लाउड सीडिंग का पहला परीक्षण, अब बारिश का इंतजार

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दिल्ली  Published by: Kunal , Date: 28/10/2025 03:28:11 pm Share:
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  • 28/10/2025 03:28:11 pm
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संक्षेप

दिल्ली: आज बुराड़ी और करोल बाग क्षेत्रों में क्लाउड सीडिंग का पहला परीक्षण किया गया। यह प्रयास मुख्य रूप से राजधानी में वर्षा बढ़ाने और गर्मी के मौसम में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।

विस्तार

दिल्ली: आज बुराड़ी और करोल बाग क्षेत्रों में क्लाउड सीडिंग का पहला परीक्षण किया गया। यह प्रयास मुख्य रूप से राजधानी में वर्षा बढ़ाने और गर्मी के मौसम में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, क्लाउड सीडिंग तकनीक में बादलों में विशेष रसायनों का छिड़काव किया जाता है, जिससे बादल भारी होकर वर्षा करने की क्षमता प्राप्त कर सकें। यह परीक्षण दिल्ली में पानी की कमी और बढ़ती गर्मी को देखते हुए किया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में शहर में जल संकट और गर्मी की तीव्रता बढ़ी है, जिससे सिंचाई, पेयजल आपूर्ति और कृषि गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ा है। क्लाउड सीडिंग तकनीक का उद्देश्य सिर्फ वर्षा बढ़ाना ही नहीं, बल्कि पानी के प्राकृतिक चक्र को भी संतुलित करना है।

मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तकनीक से शहर में छोटे या मध्यम स्तर की वर्षा को बढ़ाया जा सकता है, लेकिन यह प्राकृतिक वर्षा की जगह नहीं ले सकता। परीक्षण के दौरान बुराड़ी और करोल बाग के आस-पास के क्षेत्रों में बादलों का निरीक्षण किया गया और वैज्ञानिकों ने मौसम संबंधी डेटा का विश्लेषण कर लिया है।
अब राजधानीवासियों की निगाहें आसमान पर टिकी हैं, क्योंकि परीक्षण के सफल होने के बाद जल्द ही बारिश होने की उम्मीद जताई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह तकनीक लगातार सफल रही, तो भविष्य में दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में सूखा और जल संकट कम करने में मदद मिल सकती है। कुल मिलाकर, यह परीक्षण दिल्ली में पानी की कमी से निपटने और जलवायु अनुकूलन में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, और राजधानीवासियों को जल्द ही ताजगी और राहत देने वाली वर्षा की उम्मीद है।