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अजमेर जिले में लगातार बरसात से अधिकतर छोटे-मोटे तालाब व बांध लबालब भरे
अजमेर जिले में लगातार बरसात - Photo by : Ncr Samachar
संक्षेप
नवरात्रा से सरसों व चने की बुवाई प्रारंभ कर देते है, रबी सीजन में अजमेर जिले को लगभग 10 हजार मेट्रिक टन डीएपी (डाई अमोनियम फास्फेट) उर्वरक की आवश्यकता रहेगी। किसान महापंचायत जिला कलेक्टर अजमेर से मांग करती है कि फसलों की बुवाई के अब मात्र 10-15 दिन बचे हैं तथा जिले में डीएपी रासायनिक खाद का स्टॉक लगभग शुन्य है।
विस्तार
घनश्याम दास / एनसीआर समाचार राजस्थान अजमेर जिले में इस वर्ष 2022-23 में तेज बरसात से जिले में अधिकतर छोटे-मोटे तालाब व बांध लबालब भर गए हैं, लेकिन इस लगातार बारिश से सीजन में बोई गई फसले मूंग, उड़द, ज्वार, बाजरा, मक्का, गवार, कपास, तिल इत्यादि फसलों में प्रकृति की अतिवृष्टि मार से फसलें नष्ट हो गई। एवं पैदावार कमजोर है। अब किसानों को एक सप्ताह से वापस बरसात शुरू होने से रबी सीजन मे बोई जाने वाली सरसों व चना की फसल के लिए खेतों में पर्याप्त नमी है एवं किसान खेतों की तैयारी में लग गए हैं। प्रथम नवरात्रा से सरसों व चने की बुवाई प्रारंभ कर देते है, रबी सीजन में अजमेर जिले को लगभग 10 हजार मेट्रिक टन डीएपी (डाई अमोनियम फास्फेट) उर्वरक की आवश्यकता रहेगी। किसान महापंचायत जिला कलेक्टर अजमेर से मांग करती है कि फसलों की बुवाई के अब मात्र 10-15 दिन बचे हैं तथा जिले में डीएपी रासायनिक खाद का स्टॉक लगभग शुन्य है। जिले के किसान भाई डीएपी इफ्को खाद के कट्टे के लिए दर-दर भटकने पर मजबूर है। आने वाले एक सप्ताह बाद स्थिति भयानक होने वाली है, किसान क्रय विक्रय सहकारी समिति (केवीएसएस) एवं ग्राम सेवा सहकारी समिति (जीएसएस) से डीएपी खाद कट्टे बिना मायूस घर लौटते हैं, जिला प्रशासन से आग्रह है कि अजमेर रैंक प्वाइंट पर दो डीएपी खाद की रैंक मंगवा कर आपूर्ति सुनिश्चित करने का इंतजाम करें, जिससे जिले के किसानो को डीएपी खाद के लिए कोई परेशानी ना उठानी पड़े। इस दौरान बालूराम भीचर जिलाध्यक्ष किसान महापंचायत अजमेर ओर ग्रामीण किसान मौजूद रहें।
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