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Grah Dosh Upay: ग्रह दोष निवारण जल उपाय से शांत होंगे ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव

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दिल्ली  Published by: Kunal , Date: 22/11/2025 03:29:52 pm Share:
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  • 22/11/2025 03:29:52 pm
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संक्षेप

दिल्ली: ग्रह दोष (नवग्रह दोष) से मुक्ति पाने के लिए पारंपरिक ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं। इनमें से जल (पानी) आधारित उपाय भी बेहद लोकप्रिय और प्रभावी माने जाते हैं

विस्तार

दिल्ली: ग्रह दोष (नवग्रह दोष) से मुक्ति पाने के लिए पारंपरिक ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं। इनमें से जल (पानी) आधारित उपाय भी बेहद लोकप्रिय और प्रभावी माने जाते हैं, क्योंकि पानी को शुद्ध करने और ग्रहों के नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मददगार माना जाता है। अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रह दोष शांत करने के लिए पानी में थोड़ी मात्रा में कुछ विशेष सामग्री मिलाकर स्नान किया जाता है। ग्रहों की शांति के उपायों में, विशेष रूप से सूर्य ग्रह के लिए, सुबह-सुबह तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें गुड़ और लाल फूल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देना ज़रूरी बताया जाता है। यह क्रिया ना सिर्फ ग्रह शांति में मदद करती है, बल्कि आत्मबल और सम्मान में भी वृद्धि करने वाला उपाय माना जाता है राहु एवं केतु जैसे ग्रहों के दोषों के लिए पानी को स्नान, दान और धार्मिक अनुष्ठानों में “शुद्धिवाहक” तत्व के रूप में प्रयोग करना लाभदायक माना जाता है। 


उदाहरण के लिए, राहु दोष को शांत करने के लिए राहु मंत्र जाप और दान के साथ-साथ कुछ स्रोतों में “पानी में विशेष सामग्री मिलाकर पूजा-कर्म” करने की सलाह दी जाती है।पानी से जुड़े उपायों का एक अन्य लोकप्रिय तरीका है “जल-आधारित पौधारोपण” करना या घर के निकट जल स्रोत में पौधे लगाना। ऐसा करने से न केवल वातावरण स्वच्छ होता है, बल्कि ग्रहों की अशांति में भी कमी आती है।ग्रहों की शांति के लिए जल पूजा (पानी को देवता के रूप में अराधना) करना एक साधारण लेकिन पौराणिक तरीका माना जाता है। इसके अलावा, नियमित रूप से शुद्ध जल का सेवन करना और उसे स्वच्छ रखना भी ज्योतिषीय दृष्टि से लाभकारी माना जाता है। muhuratam.comह दोष का निवारण करते समय विशेषज्ञ ज्योतिषी से सलाह लेना महत्वपूर्ण है, क्योंकि हर व्यक्ति की कुंडली अलग-अलग होती है। जल उपाय करते समय स्वच्छ और शुद्ध पानी का ही उपयोग करें। उपायों को नियमित और विश्वास के साथ करना चाहिए — सिर्फ एक बार करने से पूरा असर नहीं हो सकता। इन उपायों को पारंपरिक पूजाओं, मंत्र जाप और दान के साथ संयोजन में करने से बेहतर फल मिलता है।