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ओडिशा: डेलांग पंचुदोल मेला महोत्सव की आखिर चरण तृतीय दिवस पर हरिहर भेंट का कार्यक्रम आयोजित हुआ
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संक्षेप
ओडिशा : डेलांग पंचुदोल मेला महोत्सव की आखिर चरण तृतीय दिवस पर हरिहर भेंट का कार्यक्रम समारोह पूर्वक 28 मार्च को आयोजित हुआ । इसके तहत मेला मैदान से साल भर के लिए देवविग्रहों के भेंट की रस्म अदा की गई । किसी रिश्तेदार के वहां से साधारण मनुष्य विदाई लेने की भाँति विमान पर विराजमान सभी देवविग्रहों के मेला मैदान की अधिपति श्रीनीलकंठेश्वर देव के साथ भेंट उत्सव विधिवत संपन्न हुआ । इस दिव्य नजारे को देखने से मनुष्य का पाप क्षय होता है साधारण में यह एक विश्वास है ।
विस्तार
ओडिशा : डेलांग पंचुदोल मेला महोत्सव की आखिर चरण तृतीय दिवस पर हरिहर भेंट का कार्यक्रम समारोह पूर्वक 28 मार्च को आयोजित हुआ । इसके तहत मेला मैदान से साल भर के लिए देवविग्रहों के भेंट की रस्म अदा की गई । किसी रिश्तेदार के वहां से साधारण मनुष्य विदाई लेने की भाँति विमान पर विराजमान सभी देवविग्रहों के मेला मैदान की अधिपति श्रीनीलकंठेश्वर देव के साथ भेंट उत्सव विधिवत संपन्न हुआ । इस दिव्य नजारे को देखने से मनुष्य का पाप क्षय होता है साधारण में यह एक विश्वास है । इससे पूर्व शाम होते ही श्रद्धालुओं के भीड जुटी । उनके भक्ति,निष्ठा और दुसरों के प्रति प्यार की भावना से एकता व भाइचारे का माहौल वना । हजारों की तादाद में लोग वेसव्री से हरिहर भेंट की आश लेकर आए हुए थे । इस दौरान कुछ भक्तों ने विमान पर विराजमान देवताओं के आगे भोग चढ़ाए । ज्यादातर लोग परंपरा निभाते हुए विमानों में गुलाल फेंककर माथा टेकते रहे । मन में आस्था और विश्वास लेकर श्रद्धालु यह सव करते रहे । मैदान में थानाधिपति श्रीनीलकंठेश्वर देव के सहित श्रीजयमहाबीर देव,श्रीपतितपावन देव,श्रीबालुंकेश्वर देव, श्रीराधामोहन देव, श्रीबांकेश्वर देव,श्रीरघुनाथदेव,श्रीगोपीनाथ देव,श्रीबांकनाथ देव,श्रीओगरनाथ देव,श्रीबलरामेश्वर,श्रीराधाकृष्ण देव,श्रीखेलेश्वर देव और श्रीबागेश्वर देव आदि कुल मिलाकर 40 विमान विराजमान थे । हरिहर भेंट होने से पहले कुछ देर तक पटाखेवाजी चलता रहा । इसके वाद एक ही वक्त पर सभी विमान पर पूजन व आरती उतारी गई । समय पर सवसे पहले थानाधिपति श्रीनीलकंठेश्वर देव को विमान सहित वाहकों ने कंधे पर उठाये । एक एक करके अन्य सभी विमान भी उठाए गए । वाहकों ने विमान को सिर्फ कंधा दिए नहीं नचाते रहे । उस दृश्य को देखकर लगता था मानो सभी विमान झुम रहे हैं । रत्नवेदी के चारोंओर परिक्रमण और विदाई से पहले थानाधिपति श्रीनीलकंठेश्वर के आगे हरिहर भेंट वढता गया । इस दौरान घंटघंटा के साथ हरिध्वनि से गगन पवन प्रकंपित हुआ । इसके समाप्ति पर सभी विमान अपने अपने गांव के मंदिर की ओर प्रस्थान किए । इस अवसर पर विधायक रुद्रप्रताप महारथी के सहित मेला समिति सदस्य एडवोकेट कैलाश चंद्र महारणा,प्रसन्न कुमार साहु नरेंद्र मल्लिक, काशीनाथ वारिक,चित्रसेन वारिक,निर्मल परिडा,सूर्य सामंतराय,वसंत वेहेरा,नवघन प्रधान,चगला सामंतराय अनंत चरण साहु,वुवुन व्रह्मा और शरत वेहेरा उपस्थित रहे ।
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