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International Literacy Day 2023: आज है विश्व साक्षरता दिवस, जाने इस वर्ष की थीम और महत्तव
आज है विश्व साक्षरता दिवस, जाने इस वर्ष की थीम और महत्तव - Photo by : Social Media
संक्षेप
नई दिल्ली: साक्षरता वह शक्ति है, जिसके बल पर एक बेहतर और उन्नत समाज का निर्माण किया जा सकता है। किसी भाषा को पढ़ और लिख पाना साक्षरता कहलाता है। एक साक्षर व्यक्ति वह खुद को , परिवार, समाज और देश को विकास की और ले जाने का प्रयास करता है। देश की नींव को मजबूत करता है। समाज के अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति भी साक्षरता के बल समाज के अग्रिम श्रेणी में आ सकता है, साथ ही वह देश को चलाने में भी अहम भूमिका निभा सकता है।
विस्तार
नई दिल्ली: साक्षरता वह शक्ति है, जिसके बल पर एक बेहतर और उन्नत समाज का निर्माण किया जा सकता है। किसी भाषा को पढ़ और लिख पाना साक्षरता कहलाता है। एक साक्षर व्यक्ति वह खुद को , परिवार, समाज और देश को विकास की और ले जाने का प्रयास करता है। देश की नींव को मजबूत करता है। समाज के अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति भी साक्षरता के बल समाज के अग्रिम श्रेणी में आ सकता है, साथ ही वह देश को चलाने में भी अहम भूमिका निभा सकता है। इसलिए लोगों को साक्षरता के महत्तव और लाभों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए, हर साल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साक्षरता दिवस मनाया जाता है। भारत में भी लोगों को साक्षर बनाने की दिशा में अनेक अभियान चलाये जा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2023 की थीम साक्षरता लोगों को जीवन स्तर को उठाने में मदद करता है। इसके साथ ही यह गरीबी, भुखमरी, कुपोषण, बाल मिर्त्यु दर को कम करने में भी अहम भूमिका निभाती है। साक्षर होने पर ही लोगों को सही तरह से अपने नेचुरल राइट्स, मानव अधिकार और अन्य अधिकार का पता लग पाता है। इस दिन को शिक्षा हासिल करने के महत्तव और लाभ के बारे में लोगों जगरुक करने के लिए मनाया जाता है, ताकि लोग बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित हो सके। यूनेस्को द्वारा इस दिन स्कूल, कॉलेज और गावों में लोगों के जागरूक करने के विभिन्न प्रकार के कार्यकर्म को आयोजन किया जाता है। भारत में साक्षरता:
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2023 की थीम है 'बदलती हुई दुनिया में साक्षरता को बढ़ावा देना: स्थायी एवं शांतिपूर्ण समाज की नीवं का निर्माण करना' है। इस थीम के अंतर्गत ही अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2023 को विश्व स्तर पर क्षेत्रीय, राष्ट्रिय और स्थानीय स्तर मनाया जा रहा है।
भारत की जनगणना 2011 के अनुसार भारत की कुल साक्षरता दर 74% के करीब है। वहीं 1947 में यह आंकड़ा केवल 18% ही थी। आपको बता दे कि देश में सबसे अधिक साक्षरता वाला राज्य केरल है, जहां 94% लोग साक्षर हो चुके है। वहीं देश का सबसे कम साक्षरता वाला राज्य बिहार हैं जहां केवल 61% लोग ही साक्षर है।
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