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महाराष्ट्रा: मुम्बई में प्रोडक्शन हाउसों द्वारा फ्रॉड, मॉडल्स और एजेंसी के साथ धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ी

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महाराष्ट्रा  Published by: Rajesh Kumar Yadav , Date: 15/03/2025 04:30:47 pm Share:
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  • 15/03/2025 04:30:47 pm
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संक्षेप

महाराष्ट्रा: महानगरी में फिल्मों और टेलीविजन उद्योग में काम करने वाले कई प्रोडक्शन हाउसों द्वारा धोखाधड़ी की घटनाएं सामने आ रही हैं। 

विस्तार

महाराष्ट्रा: महानगरी में फिल्मों और टेलीविजन उद्योग में काम करने वाले कई प्रोडक्शन हाउसों द्वारा धोखाधड़ी की घटनाएं सामने आ रही हैं। जानकारी के मुताबिक, ये प्रोडक्शन हाउस एजेंसियों और को-ऑर्डिनेटर्स के जरिए मॉडल्स को बुलाकर ओडिशन करवाते हैं और फिर डायरेक्ट एग्रीमेंट बना लेते हैं। इन प्रोडक्शन हाउसों द्वारा मॉडलों से काम के लिए सुबह से शाम तक लगातार संपर्क किया जाता है, लेकिन बाद में एजेंसी के संपर्क नंबर ब्लॉक कर दिए जाते हैं, जिससे एजेंसी को कोई भी जानकारी नहीं मिलती। इन घटनाओं में आरोप है कि प्रोडक्शन हाउस खुद अपने टीम के नाम पर बिल बनाकर एजेंसी से चार्ज ले लेते हैं और खुद पैसे रख लेते हैं। बालाजी प्रोडक्शन, स्टार प्लस, जी टीवी, धर्मा प्रोडक्शन, एस राज प्रोडक्शन और सोनी चैनल जैसे बड़े नाम भी इस मामले में फंसे हुए हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वे गरीब कलाकारों को काम देने के बजाय अपनी सत्ताधारी संबंधों का फायदा उठाते हैं। एक ही प्रोजेक्ट के लिए कई महीने तक ओडिशन होते हैं, लेकिन आखिरकार, काम केवल वही लोग प्राप्त करते हैं जिन्होंने पैसे लगाए होते हैं या जिनके पास बड़े राजनीतिक या फिल्म इंडस्ट्री के कनेक्शन होते हैं। कई बार प्रोडक्शन हाउसों द्वारा ऑफिस में बुलाकर टाइम पास किया जाता है और फिर काम के नाम पर 90 दिन या 4 महीने तक के डेट दिए जाते हैं, जिससे कलाकार और एजेंसी दोनों को दिक्कत होती है। इसके अलावा, जब बड़े प्रोडक्शन हाउसों की बात आती है, तो उन्हें टाइटल 2 से 3 साल तक मिलते हैं, जबकि न्यू प्रोडक्शन हाउसों को एक साल के अंदर ही काम पूरा करना पड़ता है। छोटे प्रोडक्शन हाउसों के लिए भी फिल्म पूरा करने में बहुत दिक्कतें आती हैं, क्योंकि उन्हें कम समय में और कम बजट में काम करने का दबाव होता है।
यह धोखाधड़ी और शोषण की घटनाएं मुम्बई के फिल्म और टीवी इंडस्ट्री के लिए एक गंभीर मुद्दा बन चुकी हैं, जिसे समय रहते रोकना आवश्यक है।