Contact for Advertisement 9650503773


पंचकर्मा केंद्रों को सुदृढ़ बनाने के लिए बहुआयामी प्रयास आवश्यक - हर्षवर्धन चौहान

- Photo by : Social Media

हिमाचल प्रदेश  Published by: Yudhisther Rana, Date: 23/01/2023 06:07:32 pm Share:
  • हिमाचल प्रदेश
  • Published by: Yudhisther Rana,
  • Date:
  • 23/01/2023 06:07:32 pm
Share:

संक्षेप

हिमाचल प्रदेश में पंचकर्मा को पर्यटन से जोड़ने की आवश्यकता पर बल राज्य के पंचकर्मा केंद्रों को और सुदृढ़ बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने चाहिए ताकि यह पंचकर्मा उपचार के उत्कृष्ट केंद्र बन सकें। यह बात उद्योग एवं आयुष मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने आज यहां आयुष विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

विस्तार

हिमाचल प्रदेश में पंचकर्मा को पर्यटन से जोड़ने की आवश्यकता पर बल राज्य के पंचकर्मा केंद्रों को और सुदृढ़ बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने चाहिए ताकि यह पंचकर्मा उपचार के उत्कृष्ट केंद्र बन सकें। यह बात उद्योग एवं आयुष मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने आज यहां आयुष विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि, मरीजों को गुणवत्तापूर्ण उपचार सुनिश्चित करने के लिए इन केंद्रों में विशेष प्रशिक्षित स्टॉफ तैनात किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटलों, जैसे परवाणू, पालमपुर, धर्मशाला, मनाली आदि में पंचकर्मा उपचार सुविधा उपलब्ध करवाने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे जहां प्रदेश में एक ओर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर विभाग की आय में भी वृद्धि होगी। उन्होंने विभाग को राज्य में एकीकृत वेलनेस केंद्रों के विकास के लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित करने के भी निर्देश दिए।

आयुष मंत्री ने अधिकारियों को केंद्रीय मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत राजीव गांधी राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय, पपरोला कांगड़ा को अखिल भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा विज्ञान संस्थान में परिवर्तित करने के प्रस्ताव में तेजी लाने के लिए प्रयार करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि, विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाओं का सदुपयोग करने के लिए वर्तमान में मौजूद मानव संसाधनों का युक्तिकरण किया जाना चाहिए। इसके दृष्टिगत आयुष स्वास्थ्य केंद्रों में सेवारत स्नात्कोत्तर आयुर्वेदिक अधिकारियों की सेवाएं आयुष अस्पतालों में ली जा सकती हैं।

उन्होंने आयुष विभाग की विभिन्न पहल की सराहना करते हुए राज्य के आयुर्वेदिक औषधालयों को सशक्त करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य की विभिन्न दवा निर्माण इकाईयों में आयुर्वेदिक दवाईयों का उत्पादन बढ़ाया जाना चाहिए ताकि राज्य इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके और इकाईयां अधिक लाभ भी अर्जित कर सकें।

सचिव, आयुष राजीव शर्मा ने आयुष मंत्री को आश्वस्त किया कि विभाग पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेगा ताकि यह प्राचीनतम उपचार पद्धति लोगों में और अधिक लोकप्रिय हो सके। निदेशक आयुष विनय सिंह, अतिरिक्त निदेशक ताशी संडुप तथा राजीव गांधी राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय पपरोला, कांगड़ा के प्रधानाचार्य डॉ. विजय चौधरी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।