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उत्तर प्रदेश: यूपी सरकार ने किरायेदारों के लिए स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रेशन फीस में कटौती की
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संक्षेप
उत्तर प्रदेश: सरकार ने किरायेदारों और मकान मालिकों के लिए एक अहम निर्णय लेते हुए 10 वर्ष तक की अवधि वाले किरायानामा (रेंट एग्रीमेंट) पर लगने वाले स्टाम्प शु
विस्तार
उत्तर प्रदेश: सरकार ने किरायेदारों और मकान मालिकों के लिए एक अहम निर्णय लेते हुए 10 वर्ष तक की अवधि वाले किरायानामा (रेंट एग्रीमेंट) पर लगने वाले स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रेशन फीस में बड़ी कटौती को मंजूरी दे दी है। सरकार के अनुसार यह कदम किरायेदारी व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की दिशा में उठाया गया है। कैबिनेट में प्रस्ताव पारित होने के बाद अब 10 साल तक के रेंट एग्रीमेंट को रजिस्टर्ड करवाना काफी आसान और सस्ता हो जाएगा। पहले अधिक शुल्क के कारण कई लोग एग्रीमेंट बनवाने से बचते थे, जिसके चलते विवाद की स्थिति में कानूनी कठिनाइयाँ पैदा होती थीं। नई व्यवस्था के लागू होने के बाद कम लागत में रजिस्टर्ड किरायानामा तैयार करवाया जा सकेगा, जिससे दोनों पक्षों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी। सरकारी सूत्रों का कहना है कि 2 लाख रुपये तक के वार्षिक किराये वाले एग्रीमेंट पर अब केवल लगभग 1,000 रुपये शुल्क देना होगा। यह राहत आवासीय और सामान्य किरायेदारी एग्रीमेंट्स पर लागू होगी, जबकि टोल पट्टा, खनन पट्टा और विशेष पट्टों को इस दायरे से बाहर रखा गया है। सरकार जल्द ही किरायेदारी प्रक्रिया को डिजिटल बनाने की दिशा में भी कदम उठा रही है। जल्द ही एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू किया जाएगा, जिसमें आधार सत्यापन के माध्यम से किरायेदार और मकान मालिक स्वयं अपना डिजिटल किरायानामा तैयार कर सकेंगे। इससे रजिस्ट्री प्रक्रिया तेज, सरल और दलाल-मुक्त होने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक लोग लिखित और रजिस्टर्ड एग्रीमेंट बनवाएँ, ताकि मकान मालिक और किरायेदार दोनों के अधिकार सुरक्षित रहें और विवादों में कमी आए। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला किरायेदारी बाजार में पारदर्शिता बढ़ाने के साथ-साथ आर्थिक बोझ भी कम करेगा।