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उत्तर प्रदेश: स्नातकोत्तर महाविद्यालय मलिकपुरा में “कर्मभूमि” पत्रिका का विमोचन और राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न

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उत्तर प्रदेश  Published by: Ramkesh Vishwakarma , Date: 19/10/2025 10:51:25 am Share:
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  • 19/10/2025 10:51:25 am
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संक्षेप

उत्तर प्रदेश: स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मलिकपुरा, गाजीपुर में दिनांक 17 एवं 18 अक्टूबर 2025 को एक दिवसीय शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन प्राधिकृत नियंत्रक डॉ.

विस्तार

उत्तर प्रदेश: स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मलिकपुरा, गाजीपुर में दिनांक 17 एवं 18 अक्टूबर 2025 को एक दिवसीय शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन प्राधिकृत नियंत्रक डॉ. ज्ञान प्रकाश वर्मा के संरक्षकत्व एवं प्राचार्य प्रो. दिवाकर सिंह के नेतृत्व में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ 17 अक्टूबर को प्रातः 8 बजे अखण्ड रामचरित मानस पाठ के साथ हुआ जिसकी पूर्णाहुति प्रातः 10.00 बजे सम्पन्न हुई। आज 18 अक्टूबर को महर्षि विश्वामित्र कल्चरल क्लब के तत्वावधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर महाविद्यालय प्रांगण में स्थित बाबू भगवान सिंह जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इसके उपरांत सेमिनार हॉल में मां सरस्वती जी के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पांजलि अर्पित की गई। तत्पश्चात कार्यक्रम के मुख्य और विशिष्ट अतिथियों क्रमशः डॉ. मंगला राय, पूर्व महानिदेशक, राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान परिषद, प्रो. हरिकेश सिंह, पूर्व कुलपति, जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा, प्रो. राजशरण शाही, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, व श्री पारस नाथ राय प्रबंधक, शबरी महिला महाविद्यालय गाजीपुर एवं डॉ. हरि प्रसाद सिंह, संस्थापक प्रतिनिधि, को अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह एवं माल्यार्पण कर स्वागत व अभिनंदन किया गया। विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत ने सभी अतिथियों को भावविभोर कर दिया। इसके बाद डॉ. पूजा साहू ने अतिथियों का स्वागतीय परिचय कराया। श्री वासुदेवन मणि त्रिपाठी ने “कर्मभूमि पत्रिका” विशेषांक तथा संगोष्ठी के विषय पर बीज वक्तव्य प्रस्तुत किया। इसके पश्चात “कर्मभूमि” पत्रिका विमोचन का कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा प्रधान संपादक प्राचार्य प्रो. (डॉ.) दिवाकर सिंह तथा संपादकीय सहयोगी प्रो. चन्द्र भान सिंह, डॉ. दिनेश कुमार सिंह, डॉ. दीपक कुमार यादव, श्री वासुदेवन मणि त्रिपाठी एवं डॉ. शिव प्रताप यादव के सहयोग से पत्रिका का विमोचन किया गया। इस क्रम में विशिष्ट अतिथियों ने अपने विचार रखे। विशिष्ट अतिथि श्री पारस नाथ राय ने अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभव साझा करते हुए शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। इसी क्रम में विशिष्ट अतिथि प्रो. हरिकेश सिंह ने शिक्षा संस्थाओं के निर्माण में अभिभावकों की भूमिका पर विचार व्यक्त करते हुए “कर्मभूमि” पत्रिका के विशेषांक 2024-25 तथा प्राचार्य प्रो. दिवाकर सिंह के कार्यों की सराहना की।

अगली कड़ी में प्रो. राजशरण शाही ने “शिक्षक, शिक्षा और सम्मान” विषय पर वक्तव्य देते हुए पारंपरिक गुरुकुल पद्धति एवं आधुनिक शिक्षण प्रणाली की तुलना प्रस्तुत की।

मुख्य अतिथि डॉ. मंगला राय ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा — “जिसने समय की कीमत नहीं की, समय उसकी कीमत नहीं करता। शिक्षा कितनी भी महंगी हो, फिर भी वह सस्ती ही है।” उन्होंने कहा कि आज शिक्षा का निजीकरण बनाम सरकारीकरण उसी प्रकार की बहस है जैसी जैविक बनाम रासायनिक कृषि की।

अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य प्रो. दिवाकर सिंह ने शिक्षा में अभिभावकों के योगदान की महत्ता पर विचार रखते हुए कहा कि ग्रामीण समाज की सक्रिय भागीदारी से ही शिक्षा संस्थान अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने संस्कारयुक्त शिक्षा की बात कही। 

इसके बाद विगत दिनों में कल्चरल क्लब के तत्वावधान में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. शिव प्रताप यादव ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

संपूर्ण कार्यक्रम का प्रभावपूर्ण संचालन कल्चरल क्लब के संयोजक डॉ. सर्वेश पाण्डेय एवं डॉ. अंजली यादव ने किया।

इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षणेत्तर, विद्यार्थियों एवं गणमान्य नागरिकों की आतिथ्य उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।