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बिहार: आईटीआई नवादा में असंगठित श्रमिकों के लिए विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
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संक्षेप
बिहार: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देश के आलोक में विद्वान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश–सह–अध्यक्ष, जिला विधि
विस्तार
बिहार: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देश के आलोक में विद्वान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश–सह–अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार शिल्पी सोनीराज के मार्गदर्शन तथा सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय के निर्देश पर रविवार को पूर्वाह्न 11 बजे संयुक्त श्रम भवन, राजकीय आई०टी०आई० परिसर, नवादा में “NALSA (Legal Services to the Workers in the Unorganized Sector) Scheme–2015”, स्थायी लोक अदालत के प्रचार-प्रसार एवं अन्य योजनाओं पर केंद्रित विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला विधिक सेवा प्राधिकार, नवादा के सहायक लीगल एड डिफेंस काउंसिल अमन जैन, पी०एल०वी० तपेश्वर सिंह, श्रम विभाग के कर्मियों, नवादा नगर ग्राम पंचायत के आमजन तथा अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उपस्थिति में किया गया। अपने संबोधन में डिफेंस काउंसिल सदस्य अमन जैन ने कहा कि वर्तमान समय में आम लोगों के बीच कानून की जानकारी उपलब्ध कराना अत्यंत आवश्यक है। कानून की जानकारी न होने के कारण लोग अक्सर भ्रमित होते हैं तथा कई बार उनका शोषण भी किया जाता है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र के गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को कानूनी जानकारी उपलब्ध कराने में सहायता करें, जिससे वे शोषण से बच सकें। अमन जैन एवं पी०एल०वी० तपेश्वर सिंह ने लोगों को विधिक अधिकारों एवं कानूनों की जानकारी देने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि असंगठित क्षेत्र में वे सभी प्रतिष्ठान/इकाइयाँ शामिल होती हैं जो संगठित क्षेत्र के बाहर हैं तथा जहाँ कार्यरत श्रमिकों को पेंशन, ग्रेच्यूटी, भविष्य निधि या चिकित्सा सुरक्षा जैसी सुविधाएँ सामान्यतः उपलब्ध नहीं होतीं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सुरक्षा एवं लाभ प्रदान करने हेतु अनेक महत्वपूर्ण पहलें की हैं, जैसे— ई-श्रम पोर्टल, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, लेबर कार्ड योजनाएँ, अंतरराज्यीय प्रवासी पारिश्रमिक कानून, 1979, जो प्रवासी मजदूरों के शोषण को कम करने तथा उन्हें कानूनी सुरक्षा प्रदान करने हेतु बनाए गए हैं।