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पंजाब: 2019 में भाजपा ने हरियाणा की दस और राजस्थान की 25 सीटों पर भाजपा की हुई थी जीत
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संक्षेप
पंजाब: पिछले 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने हरियाणा की दस और पड़ोसी राज्य राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों पर जीत का परचम लहराया था।
विस्तार
पंजाब: पिछले 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने हरियाणा की दस और पड़ोसी राज्य राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों पर जीत का परचम लहराया था। किंतु इस लोकसभा चुनाव मे भाजपा को हरियाणा और राजस्थान में बड़ा झटका लगने के संकेत मिल रहे है जो पार्टी के लिए चिंता का विषय है। बताया जाता है कि दोनों ही राज्यों में भाजपा केंद्रीय नेतृत्व द्वारा मुख्यमंत्री के चेहरे का परिवर्तन करने से भाजपा को राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और हरियाणा में संसदीय चुनाव से पहले से मुख्यमंत्री संत मनोहर लाल खट्टर को बदलने से भाजपा की इस चुनाव में सीटों का झटका लग रहा है। सूत्रों ने बताया कि, राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से भाजपा को इस चुनाव में आधा दर्जन सीटों पर और हरियाणा में 8 सीटों से हाथ धोना पड़ सकता है। बताया जाता है कि भाजपा को गुरुग्राम और फरीदाबाद की सीट मिलने के असर है। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री संत मनोहर लाल खट्टर की करनाल लोकसभा सीट पर भी खतरें के बादल मंडरा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि भाजपा के साथ साढ़े 4 साल गठबंधन सरकार मे रही जननायक जनता पार्टी से इसलिए गठबंधन तोड़ लिया कि जाट किसान भाजपा के विरोध मुखर है। अगर जेजेपी अलग होकर चुनाव लड़ेंगे तो जाटों के वोट बैंक में बंटवारा हो जाएगा जिसका फायदा भाजपा को मिलेगा और इसका नुकसान कांग्रेस को होगा, लेकिन भाजपा की इस सोची समझी चाल को हरियाणा के जाट मतदाताओं ने लिया और एक मुस्तैद होकर पिता पुत्र की जोड़ी द्वारा पिछले कई महीनों से कांग्रेस मे जान फुंकने के लिए की जा रही। हरियाणा में जी तोड़ मेहनत को रंग देते हुए जाट मतदाताओं जिनकी संख्या करीब 28/30% ने एक जुटता और किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली के टेकरी बॉर्डर जोकि रोहतक के सीमा के साथ लगता है। वहीं करनाल के पीपली मे किसानों पर किये गया लाठीचार्ज से किसानों के भीतर आग की चिंगारी सुलग रही थी और किसान लोकसभा चुनाव का इंतजार कर रहे थे किसानों ने भाजपा के खिलाफ अपना मत देकर और कांग्रेस को एक मत होकर समर्थन कर अपने भीतर सुलग रही इस आग को ठंडा करने का काम किया गया है। अब इस बात का पता तो आने वाले 4 जून को ही चल पाएगा कि किसानों का वोट किस पार्टी की ओर फारवर्ड हुआ है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने गैर जाट वोट बैंक को इकट्ठा करने के लिए नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर जो चला चली वह अब इस चुनाव में भाजपा को महंगी पड़ती दिखाई दे रही है। सूत्र जो बता रहे हैं कि सिरसा, हिसार, रोहतक, भिवानी-महेंद्रगढ़, सोनीपत, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल इन लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी भाजपा को कड़े टक्कर दे रहे हैं और इन सीटों पर कांग्रेस की जीत निश्चित मानी जा रही है। जबकि गुरुग्राम और फरीदाबाद यह दोनों लोकसभा सीटें भाजपा को मिल सकती हैं। अब यह तो आने वाली 4 जून के दिन मतगणना होने से ही पता चलेगा की इस चुनाव में हरियाणा के मतदाताओं में कांग्रेस की झोली में कितनी सीटें डाली है और कितनी भाजपा को दी है।
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