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उत्तर प्रदेश: दबंगो से खेत बचाने के लिए जुड़े लोग, जमकर हुआ हंगामा, हाथपाई में मिली जान से मारने की धमकी
- Photo by : social media
संक्षेप
उत्तर प्रदेश: जनपद गाजीपुर के थाना जंगीपुर के स्थानीय जखनियां तहसील अंतर्गत जगदीशपुर ग्रामसभा में रामकेश विश्वकर्मा अति गरीब एवं असहाय मजदूर किसान है,
विस्तार
उत्तर प्रदेश: जनपद गाजीपुर के थाना जंगीपुर के स्थानीय जखनियां तहसील अंतर्गत जगदीशपुर ग्रामसभा में रामकेश विश्वकर्मा अति गरीब एवं असहाय मजदूर किसान है, लेकिन इस गांव के कुछ दबंग उनकी पैतृक संपत्ति 8 विस्वा जमीन को जबरदस्ती विगत कई सालों से हड़प्पा लिए थे |वे उस पर खेती कर रहे थे लाख आने के बाद भी नहीं माने |रामकेश ने तब राजस्व विभाग तथा प्रशासन के अधिकारियों की मदद लेकर के मेड़बंदी कराया था|अधिकारियों ने पक्की पैमाइस कर उनकी जमीन उनके हक़ में खुटा गड़वाकर इन्हें सौंप दिया था | इस बात की जानकारी देते हुए रामकेश विश्वकर्मा ने बताया कि आज शाम 6:00 बजे के करीब जगदीशपुर तथा चकवाकर के श्रवण यादव, सूरज यादव,सुरेंद्र यादव,गुड्डू यादव, अंकित यादव, अखिलेश यादव,केशव यादव,परमानंद यादव, रामलाल यादव, धनु यादव,अखिलेश यादव, अभिषेक यादव, उदयभान यादव, धर्मेंद्र यादव,राधेश्याम यादव, जितेंद्र यादव, उपेंद्र यादव तथा रामजी विश्वकर्मा सहित करीब एक दर्जन लोगों ने जबरदस्ती खूंटा उखाड़ कर मेढ़बंदी करना शुरू कर दिया।
मौके पर जब उनकी पत्नी पूनम विश्वकर्मा पहुंची तो उसे जाति सूचक भद्दी भद्दी गालियां दिए और उसके साथ हाथपाई करने लगे। जब मैंने विरोध किया तो मेरे साथ भी वही व्यवहार किया औरमुझे फावड़े से काटकर फेंकने की धमकी दी गई। खेत में मैं और मेरी पत्नी सिर्फ दो ही लोग थे,जबकि मेरे खिलाफ एक दर्जन लोग लामबंद होकर हर कुछ भी करने पर उतारू थे |पूनम विश्वकर्मा ने बताया की हम लोगों की कभी ये दबंग हत्या कर सकते हैं। किसी तरह से हत्या वही हुई और रामकेश विश्वकर्मा इस घटना से रामकेश विश्वकर्मा तथा पूनम विश्वकर्मा को पूरी तरह से जान माल का खतरा है| उन्होंने बताया कि ये लोग कभी भी मुझे मार सकते हैं। मेरा खेत हड़प सकते हैं तो कभी भी मार सकते हैं |रामकेश विश्वकर्मा ने बताया कि मैं विगत कई महीनो से राजस्व विभाग के अधिकारी तथा प्रशासनिक अधिकारियों के पास एवं स्थानीय प्रशासन के पास दर्जनों बार दौड़ा, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला|मैं जब भी जब भी जाता हूं तो कहते हैं पक्की पैमाइश हो गई है चलो हम आएंगे लेकिन कोई आता नहीं लगता है। किसी दिन मेरी हत्या हो जाएगी और आठ बिस्सा जमीन भी मुझे नहीं मिल पाएगी। इसलिए उन्होंने शासन प्रशासन से जान माल की रक्षा की गुहार लगाई है।