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उत्तराखंड: हरिद्धार पतंजलि योगपीठ के गुरु स्वामी रामदेव दिया बड़ा बयान 

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  Published by: Harish Upadhyay , Date: 17/04/2024 10:08:23 am Share:
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  • 17/04/2024 10:08:23 am
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संक्षेप

उत्तराखंड: हरिद्धार पतंजलि योगपीठ के गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि देश को आजादी तो मिल गई किंतु शिक्षा चिकित्सा आर्थिक और संस्कृत वैचारिक आजादी मिलना अभी शेष है। 

विस्तार

उत्तराखंड: हरिद्धार पतंजलि योगपीठ के गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि देश को आजादी तो मिल गई किंतु शिक्षा चिकित्सा आर्थिक और संस्कृत वैचारिक आजादी मिलना अभी शेष है। हरिद्धार पतंजलि विश्वविद्यालय मे आयोजित शिवाजी छत्रपति महाराज कथा के आठवी दिन पूज्य स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज ने कहा की छत्रपति महाराज ने किसी के भी प्रार्थना स्थल को तोड़ा नहीं लेकिन जहां मंदिरों को तोड़कर प्रार्थना स्थल बनाए गए उसको तोड़कर वहां मंदिर बुलाया और अपना संकल्प सिद्ध किया। 


उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक प्रमाण है। उन्होंने बताया की शिवाजी महाराज ने तिरुवन्नामलाई की दो देवालयों की पूर्ण स्थापना की मूल बात यह है कि जब अनेक लोगों के अंतकरण में आकांक्षय जागती है। तो श्वेत ही हमारी आकांक्षाएं जागृत होती है यदि वह तिरु होगी तो हमारा संवेग भी तिरु होगा। 


जैसे परमार्थ से वेद उन्नति करता है। इसी प्रकार जब पूरे समाज का तिरु संवेग हो जाता है। तो हमें इस वातावरण इस अधिकार से बाहर निकालने के लिए किसी को तो आना ही पड़ता है। स्वामी जी ने बताया कि वह पुरुषों का जन्म कैसे होता है। 

तथा संसार को नई दिशा देने वाले महापुरुष कैसे आते हैं।  महापुरुष सागर के तट पर एकत्र होने वाली फन की तरह होती है। जब मैं सागर की लहरों में उठती है। तो वह तट से टकराकर लुप्त हो जाती है। इसी ही प्रकार से यह कर्म चला रहता है। इसी प्रकार लोगों के अंतकरण में वर्षों तक चला रहता है। पीढ़ी दर पीढ़ी की भी भावनाएं जागृत होती रहती हैं। एक तरफ हमारे देश का संविधान तथा एक तरफ सनातन संविधान इन दोनों को ही बचाने का काम करना है।