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Health: क्या चेहरे का नूर छीन रहे है चिंता और जंक फ़ूड ?
क्या चेहरे का नूर छीन रहे है चिंता और जंक फ़ूड ? - Photo by : Social Media
संक्षेप
कृतिका: एक सामान्य सी धारणा है कि केवल लड़कियां और महिलाएं ही अपने रंग, रूप या चेहरे की सुंदरता को लेकर चिंतित रहते है। जिसके लिए उन्हें कई तरह-तरह के तरीके अपनाते हुए देखा जाता है, वे कई तरह के परहेज करते भी है (जिनमे कि डायटिंग या ब्यूटी पार्लर के माध्यम से उनके चेहरे की सुंदरता बढ़ाना काफी प्रसिद्ध है)।
विस्तार
कृतिका: एक सामान्य सी धारणा है कि केवल लड़कियां और महिलाएं ही अपने रंग, रूप या चेहरे की सुंदरता को लेकर चिंतित रहते है। जिसके लिए उन्हें कई तरह-तरह के तरीके अपनाते हुए देखा जाता है, वे कई तरह के परहेज करते भी है (जिनमे कि डायटिंग या ब्यूटी पार्लर के माध्यम से उनके चेहरे की सुंदरता बढ़ाना काफी प्रसिद्ध है)। किन्तु अब इस बदलते दौर में न केवल लड़किया बल्कि लड़के भी अपने चेहरे की सुंदरता को लेकर काफी गंभीर रहने लगे हैं और इसके कारणो को भी जानने का प्रयास कर रहे हैं। इतना ही नहीं उसके उपाय भी कर रहे हैं। यह बात एक काउंसिलिंग के जरिये सामने आई जो कि सिविल अस्पताल के मित्रता क्लीनिक में हर महीने की जाती है। यहां हर महीने लगभग 220 से ज्यादा युवक युवतियां काउंसिलिंग के लिए आ रहे है। काउंसलर के अनुसार बाहर का भोजन अधिक खाने की वजह से किशोरों के चेहरे पर सफेद दाग की समस्या हो रही है। ऐसे ही 17 वर्षीय एक किशोरी मित्रता क्लीनिक गयी। जिसे चेहरे पर सफेद दाग की समस्या थी। किन्तु उसे खुद इस बात की जानकारी नहीं थी। हालाँकि शरीर भी उसका काफी कमजोर था। काउंसलर ने उसे सफेद दाग होने के कारण बताए कि वह सही तरीके का खानपान नहीं कर रही है, और बाहर की चीज़े ज्यादा खाने की वजह से उसे ये समस्या हो रही है। चेहरे पर सुंदरता लाने के लिए एक युवक डायटिंग करते हुए एक युवक मित्रता क्लीनिक आया। जिसकी वजह से उसके पुरे चेहरे पर दाने निकल गए थे, पीलापन और सफेद दाग तक हो गए थे। काउंसिलिंग के माध्यम से उसे बताया गया कि डायटिंग सही नहीं है। तीनों समय पौष्टिक खाना खाना जरुरी है। जंक फूड खाने से शरीर में खून की कमी होती है। बचाव उपाय
इस क्लीनिक में हर महीने 19 साल तक के तकरीबन 400 किशोर-किशोरी अलग- अलग समस्याओं को लेकर काउंसिलिंग के लिए आते हैं। यहां आने वालो में से 50 प्रतिशत ऐसे बच्चे हैं, जो अपनी त्वचा को लेकर परेशान हैं,और साथ ही वे इन सभी समस्याओं के कारण, उपचार व उसके बुरे प्रभावों को जानने के लिए मित्रता क्लीनिक में अपनी काउंसिलिंग के लिए जा रहे हैं। ऐसे बहुत ही कम मामले देखने को मिल रहे है, जिनमें वह अपने अभिभावको के साथ जाते हैं। ज्यादातर बच्चे दोस्तों के साथ आ रहे हैं। यहां काउंसलर की सहायता से उनका इलाज कराया जा रहा है।
जंक फूड न के बराबर खाये, पानी की मात्रा ज्यादा रखे, पौष्टिक खाना ही खाएं, हरी सब्जियों व फलों का ज्यादा प्रयोग करें, रोज़ दूध पिए।
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