-
☰
वेस्ट बंगाल: रूस ने विकसित की नई एमआरएनए वैक्सीन
- Photo by : SOCIAL MEDIA
विस्तार
वेस्ट बंगाल: रूस में वैज्ञानिकों और डॉक्टरों का एक समूह ने कैंसर के इलाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय के रेडियोलॉजी विभाग के जनरल डायरेक्टर, एंड्री काफ्रिन के अनुसार, रूस ने कैंसर के खिलाफ अपनी एमआरएनए वैक्सीन विकसित की है। यह वैक्सीन नए साल 2025 की शुरुआत में मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी। रूसी शोधकर्ताओं का कहना है कि प्री-क्लिनिकल परीक्षणों में यह वैक्सीन कैंसर के विकास और प्रसार को रोकने में सफल रही है। गैमलिया नेशनल रिसोर्स सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के निदेशक अलेक्जेंडर गिम्सबर्ग के अनुसार, इस वैक्सीन ने ट्यूमर के विकास और मेटास्टेसिस (कैंसर के फैलने) को रोकने में मदद की है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी इस वैक्सीन की वकालत की थी, और शोधकर्ताओं का मानना है कि यह टीका कैंसर के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। गिम्सबर्ग ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग पर भी जोर दिया, जो परीक्षणों को तेज़ी से पूरा करने में मददगार साबित हुआ है। कैसे काम करती है यह एमआरएनए वैक्सीन? वैसे तो अधिकांश वैक्सीनेशन में शरीर में कमजोर या निष्क्रिय वायरस का उपयोग होता है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करने में मदद करता है, लेकिन एमआरएनए वैक्सीन का तरीका थोड़ा अलग है। इस वैक्सीन में आनुवंशिक निर्देश होते हैं जो शरीर को कैंसर प्रोटीन, जिसे जेए एंटीजन कहा जाता है, बनाने के लिए प्रेरित करते हैं। इससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कैंसर कोशिकाओं को पहचानती है और उन्हें खत्म करने के लिए एंटीबॉडी का निर्माण करती है। यह शोध और वैक्सीनेशन कैंसर के इलाज में एक नई दिशा का संकेत दे रही है, और यह उन रोगियों के लिए उम्मीद की एक नई किरण हो सकती है जो इस जानलेवा बीमारी से जूझ रहे हैं।
राजस्थान: ईशरोदा में नेत्र जांच शिविर का आयोजन, 10 जनवरी को
दिल्ली: वियान फाउंडेशन ने संवाद मणिका कार्यक्रम के जरिए "पहला सुख निरोगी काया" पर दिया बल
छत्तीसगढ़: तांत्रिक के कहने पर युवक ने निगला चूजा, हुई मौत, पोस्टमार्टम में हुआ हैरतअंगेज खुलासा
उत्तर प्रदेश: भारत में 2024 में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट से हुई मौतों पर चिंता बढ़ी