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मध्य प्रदेश: पोरसा मुक्तिधाम में पोधारोपण, पर्यटकों के लिए आध्यात्मिक अनुभव
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विस्तार
मध्य प्रदेश: श्री नागाजी की तपोभूमि पर स्थित विश्व प्रसिद्ध पोरसा मुक्तिधाम ने एक और महत्वपूर्ण आयोजन किया, जिसमें श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने एक साथ मिलकर कलश मे पोधारोपण किया। इस आयोजन के तहत बारह राशियों के अनुसार पोधों को मुक्तिधाम में रोपा गया, जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि पर्यावरण के लिहासे भी एक सकारात्मक कदम था। पोधों का रोपण और इसकी विशेषता इस विशेष अवसर पर मुक्तिधाम में पोधारोपण के दौरान, प्रत्येक कलश में राशियों के नाम अंकित किए गए थे मेष से लेकर मीन तक, और सोमवार से लेकर रविवार तक। डॉ. अनिल गुप्ता ने बताया कि इस आयोजन में प्रयुक्त पोधों की विशेषता यह है कि वे नकारात्मक ऊर्जा का शमन करते हैं और वातावरण को सकारात्मक व मनमोहक बनाते हैं। मुक्तिधाम की बढ़ती ख्याति और पर्यटकों की भीड़ पोरसा का मुक्तिधाम, जो अब एक प्रमुख पर्यटक स्थल बन चुका है, "सत्यम, शिवम, सुंदरम" की थीम पर आधारित है। यह स्थल न केवल आध्यात्मिक स्थल है, बल्कि यहां वैराग्य, भक्ति और ज्ञान का संगम भी होता है। बसंत ऋतु के शुभ अवसर पर आयोजित पोधारोपण कार्यक्रम में स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दराज से आए पर्यटकों ने भी हिस्सा लिया। इसके साथ ही, पोरसा मुक्तिधाम में मौजूद व्यायाम उपकरण, फिसल पट्टी, झूला और योग स्थल, हर दिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों द्वारा उपयोग किए जाते हैं। यह स्थल अपनी विशिष्टता और शांत वातावरण के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुका है। मुक्तिधाम की परवरिश और इसका महत्व मुक्तिधाम की सफलता और इसकी अंतरराष्ट्रीय पहचान के पीछे वहां की परवरिश और देखरेख का महत्वपूर्ण हाथ है। इस स्थल ने न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ी है, जो अब आध्यात्मिक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।