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उत्तर प्रदेश: ईद मिलादुन्नबी की तैयारी तेज, रंग बिरंगी लाइटों से सजने लगी मस्जिदें
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संक्षेप
उत्तर प्रदेश: ईद मिलादुन्नबी त्यौहार की तैयारियां जोरों पर है. सोनभद्र जिले तथा आसपास के क्षेत्रों की मस्जिदें रंग-बिरंगी लाइटों व इस्लामी झंडों से सजाई जा रही हैं. मुस्लिम बाहुल्य गली- मोहल्लों को इस्लामी झंडो व रंग बिरंगी झंडियों से सजाने की तैयारी चल रही है। 5 सितंबर को ईद मिलादुन्नबी अकीदत और ऐहत राम के साथ मनाया जाएगा।
विस्तार
उत्तर प्रदेश: ईद मिलादुन्नबी त्यौहार की तैयारियां जोरों पर है. सोनभद्र जिले तथा आसपास के क्षेत्रों की मस्जिदें रंग-बिरंगी लाइटों व इस्लामी झंडों से सजाई जा रही हैं. मुस्लिम बाहुल्य गली- मोहल्लों को इस्लामी झंडो व रंग बिरंगी झंडियों से सजाने की तैयारी चल रही है। 5 सितंबर को ईद मिलादुन्नबी अकीदत और ऐहत राम के साथ मनाया जाएगा। इस त्यौहार की पूर्व संध्या पर बृहस्पतिवार को जगह-जगह महफिलें व जलसे होंगे. शुक्रवार की सुबह से जुलूस-ए-मुहम्मदी निकाला जाएगा. इन जुलूसों का सिलसिला देर रात तक जारी रहेगा. ईद मिलादुन्नबी पर निकलने वाले जुलूस- ए -मुहम्मदी के दौरान अकीदतमंदों के जरिए इस्तेमाल में लाये जाने वाले इस्लामी झंडे, बिल्ले, अमामा, रंग- बिरंगी झंडिया, बैच आदि की बिक्री तेज हो गई है. दुकानों में 10 रूपए से लेकर 300 रूपए तक के झंडे, बैनर व अन्य सजावटी सामान उपलब्ध हैं. ईद मिलादुन्नबी के त्यौहार का मुस्लिम धर्म में काफी महत्व है. यह पर्व हर वर्ष इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबीउल अव्वल की 12वीं तारीख को मनाया जाता है. इस बार जश्ने विलादत का 1500वां साल है। इसी महीने में इस्लाम के आखिरी पैगंबर मोहम्मद (स. )की विलादत (जन्म) हुई थी. पैगंबर मुहम्मद की विलादत सऊदी अरब के मक्का शहर के कुरैश खानदान में 12 रबी उल अव्वल 530 ई. को हुई थी. ये दुनिया में आने के 40 वर्ष बाद अल्लाह के कुरआन को नाजिल किया. इन्होंने दुनिया भर में इंसानों के बीच हर तरह की गैर-बराबरी को समाप्त किया। महिलाओं को पुरुषों के बराबर सम्मान दिया. समाज के गरीब और वंचित समुदाय की उत्थान के लिए जकात जैसे व्यवस्था और बराबरी का संदेश दिया. मुस्लिम धर्मगुरु हजरत नसिरे मिल्लत ने बताया कि हजरत आदम से लेकर आखिर रसूल हजरत मुहम्मद साहब तक जितने भी नबी व रसूल इस दुनिया में आए, वह सब इंसानों को तौहीद, एकता और इंसानियत की दावत देने के लिए आए। आखरी रसूल- ए -पाक हजरत मुहम्मद साहब पूरी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए. रसूल-ए -पाक पर नाजिल होने वाली किताब कुरआन- ए -पाक भी एक विशेष कौम व मिल्लत के लिए नहीं, बल्कि उसमें सभी इंसानों के लिए अल्लाह का संदेश है व हिदायत है. ईद मिलादुन्नबी त्यौहार में सभी को शामिल करें. अमन शांति से त्यौहार मनाऐं. प्रशासन की गाइड लाइन का पालन करें. जलसा- ऐ- मिलादुन नबी के जरिए रसूल -ए -पाक की तालीमत को आम करें. आतिशबाजी, डीजे, हुड़दंग आदि से सख़्ती के साथ बचें।
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