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हरियाणा: आशु कवि पंडित गणपतराम की कविता में समाज को दिशा और दशा देने की है क्षमता, कंवर सिंह यादव का कहना
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संक्षेप
हरियाणा: आशु को भी पंडित गणपत राम की काव्य रचनाएं सदैव समाज के लिए प्रेरणा रहेंगी- कंवर सिंह यादव आशुकवि पंडित गणपतराम की सोलहवीं पुण्यतिथि के अवसर पर उपमंडल के गांव गढ़ी खुडाना में लोक कवि सम्मेलन एवं सांग का आयोजन किया।
विस्तार
हरियाणा: आशु को भी पंडित गणपत राम की काव्य रचनाएं सदैव समाज के लिए प्रेरणा रहेंगी- कंवर सिंह यादव आशुकवि पंडित गणपतराम की सोलहवीं पुण्यतिथि के अवसर पर उपमंडल के गांव गढ़ी खुडाना में लोक कवि सम्मेलन एवं सांग का आयोजन किया। पंडित गणपतराम लोक संस्कृति मंच के अध्यक्ष रविदत महाशय एवं सचिव मनोज गौतम ने बताया कि पंडित गणपत राम स्मृति स्थल गढी पर आयोजित लोककवि सम्मेलन मे हरियाणा और राजस्थान के कई जिलों से विभिन्न अखाड़ों से आए हुए कुछ सुप्रसिद्ध कवियों ने अपनी काव्य रचनाओं द्वारा उपस्थित जनसमूह का मनोरंजन व ज्ञान वर्धन किया।इस लोक कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी सस्वर और संगीतबद्ध कविताएं सुनाई।सुभाष प्रचारी द्वारा बहुत ही सुंदर और मनोरंजन 'बीजा-सोरठ' का सांग किया गया। सांग प्रेमियों ने पूरी रात भर इस आयोजन से ज्ञानवर्धन एवं मनोरंजन किया।इस लोक कवि सम्मेलन, सांग एवं सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि कंवर सिंह यादव विधायक हल्का महेंद्रगढ़ ने कहा कि आशुकवि पंडित गणपतराम एक महान कवि हुए हैं। इस अवसर पर गांव गढ़ी सरपंच कर्मवीर सैनी,महेंद्र सिंह पूर्व सरपंच ललित सिंह तंवर, लीला, सोमवीर,डॉ नरेश सिंह सरपंच एवं गणमान्य लोगों और पंडित गणपतराम लोक संस्कृति मंच के पदाधिकारियों ने आए हुए कवियों एवं मुख्य अतिथियों का स्वागत फूल मालाएं,पटका पगड़ी पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर किया। इस लोक कवि सम्मेलन एवं सांग में पंडित राम कुमार शर्मा अखाड़े से पूर्व सरपंच संतोष भारद्वाज, विक्रम सिंह शेखावत , शेर सिंह, सोनू,झुंझुनू के कुलोठ गांव से पधारे महेश शर्मा, झुंझुनू जिले के काकड़ा,भालोट, झारोडा से पधारे नवरत्न, बीजना गांव से पधारे सत्यनारायण शास्त्री, कपिल शास्त्री,आशीष शास्त्री,रामगोपाल शास्त्री, मनजीत खुडानियां,अमित स्वामी,अजय लटीवाल, सुनील लटीवाल, गोवर्धन नंबरदार, हरि सिंह गुर्जर, मोहित पंच,महेंद्र शास्त्री, महा सिंह, सुरेंद्र,नरेंद्र,सुभाष प्रजापत, एवं अन्य गणमान्य लोगों ने गणपत राम को पुष्प अर्पित किए। महाशय रविदात मांडोला ने भी इस अखाड़े के परपितामह पण्डित मूलचंद शर्मा और श्रीश्री योगी पुरुष पंडित बख्तावरमल की रचनाएं सुनाकर लोगों को आनंदित किया।इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर पधारे शुभराम शर्मा राठीवास, चतुर्भुज भारद्वाज बिजना, योगेश शास्त्री डिग़रोता ने इस कार्यक्रम में विशेष योगदान दिया।
उन्होंने काव्य जीवन एक तपस्वी की तरह जिया और समाज को अपनी विभिन्न रचनाओं से लाभान्वित किया।उन्होंने जन जागरूकता, ऐतिहासिक विषयों, उपनिषदों,पुराणों, महाभारत और रामायण पर काफी कथाओं की रचना की।उनकी तत्कालिक रचना,कविताएं इलाके और कई प्रदेशों के लोग बहुत पसंद करते थे। पंडित गणपत राम आशु कवि की काव्य रचनाएं सर्व समाज को प्रेरित करती रहेंगी।उन्होंने आगे कहा कि आशु कवि पंडित गणपत राम की कविता में भारतीय समाज को नई दिशा व दशा देने की क्षमता है।आज जरूरत है कि हम उनकी रचनाएं अगली पीढ़ी तक पहुंचाएं।उन्होंने बताया कि पंडित गणपत राम आशु कवि की रचनाएं युवा पीढ़ी को चारित्रिक, नैतिक और सामाजिक तौर पर सुदृढ़ नागरिक बनाने की तरफ प्रेरित करती हैं। कार्यक्रम अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक पूर्व जिला प्रमुख ने कहा कि हम बचपन से आशु कवि पंडित गणपत राम की रचनाओं को सुनते रहे हैं। समाज सुधार, देश को सुदृढ़ नागरिक देने के लिए की रचनाएं हमेशा प्रेरित करती रहेगी।धार्मिक, देश भक्ति,प्रेरणा और तत्कालीन विषयों पर उनकी रचना आम जनमानस पर बहुत अच्छा प्रभाव डालती हैं।
इस अवसर पर हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान के झुंझुनू के कुलोठ खुर्द से महेश शर्मा, पाथेडा से इंद्र लाल शर्मा,सोंहासरा से संतोष भारद्वाज एवं अन्य पधारे कवियों एवं क्षेत्रीय कवियों ने अपनी रचनाओं से लोगों का ज्ञानवर्धन व मनोरंजन किया।ज्यादातर कवियों ने स्वरचित एवं तत्कालिक रचनाएं सुनाई। गांव गढ़ी एवं पंडित गणपत राम के जीवन चरित्र पर कविताएं सुनाई। वरिष्ठ कवि रविदत्त मांडोला ने पधारे हुए सभी कवियों को इस परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए आग्रह किया। उन्होंने कहा आज कि इस परंपरा को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने की जिम्मेवारी हम सब कवियों की है। मंच संचालन करते हुए मनोज गौतम ने बताया कि कविता मानव मन के भाव की सरल और सहज अभिव्यक्ति है। कवि अपनी जीवन अनुभूतियों को शब्दों से सजाकर काव्य रचना को समाज कल्याण हेतु प्रस्तुत करता है। उन्होंने आशु कवि गणपत राम के ऊपर बहुत ही भावपूर्ण वंदना सुनाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने आशु कवि पंडित गणपत राम के बारे में बताते हुए कहां कि पंडित बख्तावरमल के शिष्य आशु कवि पंडित गणपतराम ने अपना संपूर्ण जीवन लगा करके समाज कल्याण हेतु अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।आज उनके शिष्यों के शिष्य इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। इस प्रणाली से वरिष्ठ कवि रविदत्त मांडोला ने आशु कवि पंडित गणपतराम के जीवन के संस्मरण सुनाए। विभिन्न मेलों में उनके द्वारा जीती गई प्रतियोगिताओं की भी चर्चा की और बेहतरीन रचनाएं लोगों को सुनाई।
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