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वेस्ट बंगाल: सड़क पर तड़प-तड़प कर मरा सैफुल्लाह, हमलावर आए गोलियां बरसाईं और कर दिया आतंकी को ढ़ेर

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वेस्ट बंगाल  Published by: Indranil Chakraborty , Date: 19/05/2025 11:53:05 am Share:
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  • 19/05/2025 11:53:05 am
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संक्षेप

वेस्ट बंगाल: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रविवार को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जमात-उद-दावा का कुख्यात आतंकी रजुल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह उर्फ सैफुल्लाह खालिद मारा गया। 

विस्तार

वेस्ट बंगाल: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रविवार को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जमात-उद-दावा का कुख्यात आतंकी रजुल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह उर्फ सैफुल्लाह खालिद मारा गया। अज्ञात हमलावरों ने मटली के फालकारा चौक के पास उसे गोली मारकर ढेर कर दिया। यह घटना पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों पर बड़ी चोट की तरह मानी जा रही है, साथ ही भारत के लिए एक बड़ी खुशखबरी की तरह है क्योंकि सैफुल्लाह भारत में कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था। इसने जितने गुनाह किए थे और मासूम लोगों की जान ली थी, उसी तरह से ये भी सड़क पर पड़ा हुआ तड़प-तड़प कर मरा, देखने वालों की भीड़ आसपास जुटी रही लेकिन किसी ने इस आतंकी को बचाने की कोशिश नहीं की। RSS पर हुए हमले में शामिल था सैफुल्लाह सैफुल्लाह ने 2006 में नागपुर के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय पर हमले की साजिश रची थी, जिसमें तीन आतंकी मारे गए थे। इसके अलावा, 2005 में बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) में हुए हमले, जिसमें प्रोफेसर मुनिश चंद्र पूरी की मौत हुई थी, और 2001 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हमले में भी उसकी भूमिका थी। वह नेपाल के रास्ते भारत में आतंकियों की घुसपैठ कराने और लश्कर के लिए भर्ती करने में सक्रिय था।

नेपाल में विनोद कुमार नाम से बना रखी थी पहचान सैफुल्लाह कई उपनामों से जाना जाता था, जिनमें विनोद कुमार, मोहम्मद सलीम और रजाउल्लाह शामिल हैं। वह लश्कर के आतंकी अबू अनस का करीबी सहयोगी था। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लश्कर का मुरिदके में हेड ऑफिस है, जिसका नाम मरकज तैबा है, ये कुख्यात आतंकी वहां से आतंक से जुड़ी गतिविधियों को संचालित करता था। भारतीय खुफिया एजेंसियों की जांच में 26/11 के मुंबई हमले में भी इसका सहयोग सामने आया था। खबर के मुताबिक, इसी ने मुंबई हमलों के लिए प्रशिक्षित आतंकियों की भर्ती में भी भूमिका निभाई थी।

अज्ञात हमलावर ने चलाईं गोलियां सूत्रों के मुताबिक, सैफुल्लाह रविवार दोपहर मटली में अपने घर से निकला था, तभी तीन अज्ञात बंदूकधारियों ने उस पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। हमलावर मौके से फरार हो गए, और स्थानीय पुलिस मामले की जांच में जुटी है। हालांकि, हमलावरों की पहचान और उनके मकसद का अभी पता नहीं चल सका है। ऑपरेशन सिंदूर में उड़ा दिया था मरकज तैबा ऑपरेशन सिंदूर में मुरिदके के मरकज तैबा और बहावलपुर के जैश-ए-मोहम्मद मुख्यालय को निशाना बनाया गया था। यह कार्रवाई अप्रैल 2025 में पहलगाम हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। लश्कर से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने पहले पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, हालांकि बाद में वो इस बात से मुकर गया था। लेकिन आतंकी सैफुल्लाह की मौत को भारत के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है।


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