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Delhi Crime: दिल्ली में 15 दिनों में 14 हत्याएं, नाबालिग समेत अपराधियों की बढ़ती हिंसा से सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
- Photo by : social media
संक्षेप
दिल्ली: दिल्ली में बढ़ा आंतक 15 दिनों में 14 हत्याएं। लोगो के बिच बना डर का महोला। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ये घटनाएं अलग-अलग इलाकों में अंजाम दी गई है।
विस्तार
दिल्ली: दिल्ली में बढ़ा आंतक 15 दिनों में 14 हत्याएं। लोगो के बिच बना डर का महोला। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ये घटनाएं अलग-अलग इलाकों में अंजाम दी गई है। कत्ल की ये वारदातें राजधानी के रोहिणी, पूर्वी दिल्ली, शाहदरा,दक्षिण-पूर्वी दिल्ली और उत्तरी दिल्ली जैसे इलाकों में हुईं हैं। अलग-अलग थाना क्षेत्रों में दर्ज इन मामलों ने पूरे शहर को चपेट में लिया है। पीटीआई के मुताबिक, पुलिस का कहना है। कि अपराध का कोई एक हॉटस्पॉट नहीं है। लगभग हर हिस्से से ऐसी घटनाएं सामने आई हैं। इससे राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस जांच में सामने आया की यह हत्याएं पैसे के लेन-देन और लूट से जुड़ी है। कुछ मामले में झपटमारी की कोशिश जानलेवा सबित हुई। कहीं लूट के दौरान पीड़ित ने विरोध किया और उसकी हत्या कर दी गई। आर्थिक तनाव और अपराध की मानसिकता इन मामलों में साफ दिखती है। कई आरोपी अचानक हिंसक और हमलावर हो उठे। कई जगह से इससे भी मामले सामने आ रहे है।पुलिस का ये भी कहना है की हत्या की कुछ वजह विवाह और निजी रिश्ते भी है। वहीं कई मामले पड़ोस के झगड़ों से शुरू हुए। जिनमें सफाई जैसी छोटी बातों पर विवाद बढ़ गया। पुलिस का कहना है। कि मामूली कहासुनी अचानक हिंसा में बदल गई। गुस्से और आवेश में लोगों ने घातक कदम उठा लिए। इन मामलों में पहले से किसी साजिश के संकेत नहीं मिले हैं।एक मामले में नाबालिगों ने बदले की भावना से हत्या की वारदात को अंजाम दे डाला। उन्हें बड़े अपराधियों ने पहले जबरन वसूली या चोरी के काम में धकेला था। बाद में उन्होंने उसी का बदला लिया। इस तरह नाबालिगों का अपराध की दुनिया में फंसना सामने आया। बड़े अपराधी उन्हें इस्तेमाल करते रहे। यह ट्रेंड बेहद खतरनाक माना जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इन हत्याओं में कोई एक जैसा पैटर्न नहीं है। अधिकतर घटनाएं अचानक गुस्से या उकसावे में हुईं हैं। जिनके सिलसिले में केस दर्ज किए हैं। हत्या के मामलों की बढ़ती गिनती राजधानी की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। इन वारदातों में न सिर्फ वयस्क बल्कि नाबालिग अपराधियों की भूमिका भी सामने आई है।