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Delhi Crime: “दिल्ली की दहलीज़ पर अटका जुम्मन पहचान की मुहर का इंतज़ार अब भी जारी

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दिल्ली  Published by: Kunal , Date: 10/12/2025 10:09:52 am Share:
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  • 10/12/2025 10:09:52 am
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संक्षेप

दिल्ली: दिल्ली के प्रशासनिक गलियारों में एक साधारण नागरिक की पहचान की जद्दोजहद फिर से सुर्खियों में है। एक माह बीत जाने के बावजूद जुम्मन—जो वर्षों से दिल्ली में रहकर काम कर रहा है—अब भी सरकारी कागज़ों में अजनबी बना हुआ है।

विस्तार

दिल्ली: दिल्ली के प्रशासनिक गलियारों में एक साधारण नागरिक की पहचान की जद्दोजहद फिर से सुर्खियों में है। एक माह बीत जाने के बावजूद जुम्मन—जो वर्षों से दिल्ली में रहकर काम कर रहा है—अब भी सरकारी कागज़ों में अजनबी बना हुआ है। स्थानीय दफ्तरों के चक्कर लगाते-लगाते उसकी उम्मीदें थक चुकी हैं, पर उसके दस्तावेज़ों की फाइल अब भी ‘प्रक्रिया में’ बताकर आगे बढ़ा दी जाती है। जुम्मन का मामला उस व्यापक अव्यवस्था का उदाहरण है जिसका सामना रोज़ाना हजारों लोग करते हैं। बताया जाता है कि उसने अपना पहचान सत्यापन पूरा करने के लिए सभी जरूरी कागज़ात जमा कर दिए थे, लेकिन विभागों के बीच समन्वय की कमी और फाइलों की धीमी गति ने उसे अनिश्चितता के मोड़ पर ला खड़ा किया है।

बीते महीने उसे आश्वासन दिया गया था कि सभी औपचारिकताएँ जल्द पूरी कर ली जाएँगी, लेकिन वास्तविकता यह है कि कार्यालयों के चक्कर लगाने के बावजूद उसके हाथ सिर्फ तारीखें ही आई हैं। जुम्मन के मुताबिक, “हर बार कहा जाता है कि दो दिन बाद आना, फाइल आगे बढ़ गई है, लेकिन न आगे बढ़ती है, न बात आगे बढ़ती है।” स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसे कई लोग Delhi-NCR में हैं जिनके कागज मामूली clerical त्रुटियों, सत्यापन देरी या तकनीकी खामियों के कारण महीनों अटके रहते हैं। इससे न सिर्फ उनकी पहचान संदिग्ध बनती है, बल्कि सरकारी सुविधाओं और योजनाओं का लाभ भी उनसे दूर हो जाता है। प्रशासनिक अधिकारियों का जवाब हमेशा की तरह औपचारिक है—“प्रक्रिया चल रही है।” लेकिन जुम्मन और उसके जैसे अन्य लोग लगातार सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर यह प्रक्रिया कब पूरी होगी, और उन्हें कब तक इस व्यवस्था का अजनबी बने रहना पड़ेगा।