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Latest News: भारत-विरोधी बयानबाजी के लिए चर्चित बांग्लादेशी युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत, देश में हालात तनावपूर्ण
- Photo by : social media
संक्षेप
बांग्लादेश: भारत के खिलाफ हर बार जहरीली बात करने वाले बांग्लादेश के युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत हो गई है। वो इंकलाब मंच के प्रवक्ता थे, जिन्हे पिछले शुक्रवार को बांग्लादेश के ढाका में गोली मर दी गई थी।
विस्तार
बांग्लादेश: भारत के खिलाफ हर बार जहरीली बात करने वाले बांग्लादेश के युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत हो गई है। वो इंकलाब मंच के प्रवक्ता थे, जिन्हे पिछले शुक्रवार को बांग्लादेश के ढाका में गोली मर दी गई थी। हमले के बाद गंभीर हालत में उन्हें सिंगापुर के जनरल हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया। लेकिन डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा पाए। उस्मान हादी,भारत के खिलाफ जहरीली बयानबाजी के लिए,बांगलादेश में काफी मशहूर हो रहे थे। पिछले दिनों उस्मान हादी ने आपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक तस्वीर शेयर की थी। जिसमें पूर्वोत्तर भारत को बांग्लादेश के हिस्से के तौर पर दिखाया गया था। यानि, वो भी मोहम्मद यूनुस की तरह ही पूर्वोत्तर भारत को लेकर भारत को धमकी दे रहे थे। दूसरी तरफ प्रदर्शनकारियों ने हादी की हत्या के लिए न्याय की मांग करते हुए सरकार और सुरक्षा एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाए है। प्रदर्शनकारियों ने देश के कई हिस्सों में भरी प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं, जससे पुरे देश में भय का माहौल बना हुआ है। प्रदर्शनकारियों ने ढाका और राजशाही के भारतीय राजनयिक परिसरों की ओर मार्च करने की कोशिश की है। हत्या की खबर सामने आते ही उसके समर्थकों और विभिन्न संगठनों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कई जगहों पर प्रदर्शन हिंसक हो गए। वाहनों में आग लगा दी गई, सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों की भी खबरें हैं। हालात को देखते हुए कई इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। नेशनल सिटिजन्स पार्टी (NCP) ने इस घटना को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी नेताओं का कहना है कि देश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। NCP ने बयान जारी कर कहा कि बांग्लादेश इस समय “युद्ध जैसी स्थिति” से गुजर रहा है, जहां आम नागरिक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पार्टी ने निष्पक्ष जांच और दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग की है। वहीं, सरकार की ओर से कहा गया है कि हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। गृह मंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। कई इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात भी बनाए गए हैं, जबकि इंटरनेट सेवाओं पर आंशिक रोक लगाने की खबरें भी सामने आई हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उस्मान हादी की हत्या केवल एक व्यक्ति की मौत नहीं है, बल्कि यह घटना बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति, राष्ट्रवाद और क्षेत्रीय संवेदनशीलता से जुड़े बड़े सवाल खड़े करती है। ग्रेटर बांग्लादेश जैसे विचार पहले से ही विवादास्पद रहे हैं और इस हत्या ने उन तनावों को और भड़का दिया है। इस बीच आम नागरिक सबसे ज्यादा प्रभावित नजर आ रहे हैं। स्कूल-कॉलेज बंद हैं, बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है और लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी बांग्लादेश के हालात पर नजर बनाए हुए है और शांति बहाली की अपील कर रहा है। कुल मिलाकर, उस्मान हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश एक गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है। अब यह सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि वे हालात को नियंत्रित करें, दोषियों को सजा दिलाएं और देश को हिंसा की इस आग से बाहर निकालें।