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हरियाणा: प्रदीप जैन का ‘गेम प्लान’ अंदरखाते बड़ी जोड़तोड़, झोरड़ के लिए बना रहे जीत की जमीन
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संक्षेप
हरियाणा: नपा चुनाव में ‘गेम चेंजर’ की भूमिका में प्रदीप जैन, रूठों को मना रहे, बड़े घरानों से करवा रहे महेश झोरड़ के लिए समर्थन तैयार कालांवाली नगर पालिका चुनाव में जब मुकाबला सीधे-सीधे कांग्रेस समर्थित महेश झोरड़ और
विस्तार
हरियाणा: नपा चुनाव में ‘गेम चेंजर’ की भूमिका में प्रदीप जैन, रूठों को मना रहे, बड़े घरानों से करवा रहे महेश झोरड़ के लिए समर्थन तैयार कालांवाली नगर पालिका चुनाव में जब मुकाबला सीधे-सीधे कांग्रेस समर्थित महेश झोरड़ और भाजपा प्रत्याशी टीशू प्रधान के बीच नजर आने लगा है, तब एक नाम सबसे ज्यादा चर्चाओं में है प्रदीप जैन। राजनीति के जानकारों और स्थानीय लोगों की जुबान पर एक ही सवाल है क्या प्रदीप जैन चुनाव की दिशा मोड़ देंगे?। सूत्रों की मानें तो प्रदीप जैन इस समय ‘फ्रंटलाइन प्रचारक’ की भूमिका नहीं निभा रहे, लेकिन बैकग्राउंड में उनका वर्क जबरदस्त चल रहा है। वे न सिर्फ भाजपा के रूठे नेताओं और पार्षद समर्थकों से संपर्क में हैं, बल्कि कई प्रभावशाली व्यापारी और सामाजिक घरानों को कांग्रेस समर्थित महेश झोरड़ के समर्थन में तैयार कर रहे हैं। और यह प्रयास कर रहे हैं कि वे भले भाजपा के खिलाफ ना आएं,पर झोरड़ के समर्थन में तटस्थ या सहयोगी भूमिका निभाएं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इस बार चुनाव संगठन से ज्यादा नेटवर्क और भरोसे का खेल बन चुका है। और यही प्रदीप जैन की ताकत है। झोरड़ से रिश्तों का लाभ प्रदीप जैन और महेश झोरड़ के पारिवारिक और सामाजिक रिश्ते पुराने हैं। चुनाव में खुला समर्थन देने से पहले ही जैन परिवार झोरड़ के कार्यालय उद्घाटन में शिरकत कर चुका है। यह संदेश राजनीतिक गलियारों में बहुत गहरा गया कि प्रदीप जैन अब तटस्थ नहीं, बल्कि निर्णायक भूमिका में आ गए हैं। सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में झोरड़ से उनकी 2 से 3 गोपनीय बैठकें भी हुईं हैं, जिनमें वार्डवार समीकरण, प्रभावशाली लोगों की सूची, और फाइनेंसिंग से लेकर प्रचार रणनीति तक पर बातचीत हुई है। बड़े घरानों की चुप्पी में समर्थन की गूंज? लेकिन राजनीतिक सूत्रों की मानें तो उनमें से कई परिवारों को प्रदीप जैन के जरिए झोरड़ से जोड़ा जा रहा है। इस ‘साइलेंट सपोर्ट’ का असर चुनाव में वोटिंग के दिन साफ दिखेगा। बड़े घरानों का वोट जहां जाएगा, वहां वार्डों का रुख बदल सकता है।
अंदरखाने की रणनीति,साइलेंट लेकिन सॉलिड जहां बाकी नेता खुले मंच से बयान दे रहे हैं, वहीं प्रदीप जैन की रणनीति ‘लो प्रोफाइल, हाई इम्पैक्ट’ वाली है। सूत्र बताते हैं कि वे अलग-अलग वार्डों में पर्सनल मीटिंग्स, रात की बैठकों और टी टेबल टॉक्स के जरिए झोरड़ के लिए समर्थन जुटा रहे हैं। उनकी छवि एक व्यावहारिक, निष्कलंक और निर्णय लेने वाले व्यक्ति की रही है, जिससे स्थानीय बड़े घरानों और सीनियर मतदाता वर्ग में उनकी पकड़ मजबूत बनी हुई है। रूठों को मना रहे भाजपा से असंतुष्टों पर फोकस भाजपा के टिकट वितरण के बाद जो असंतोष सामने आया, उसमें कई पुराने कार्यकर्ता और प्रभावशाली नेता खुले तौर पर विरोध में आ गए थे। अब प्रदीप जैन उन लोगों से लगातार संपर्क कर रहे हैं,
कालांवाली के कुछ प्रमुख व्यापारिक और सामाजिक घराने अभी तक किसी एक प्रत्याशी के साथ खुलकर नहीं आए हैं।
विरोधियों की बेचैनी बढ़ी भाजपा खेमे में अब यह चिंता स्पष्ट देखी जा सकती है कि झोरड़ को मिल रहे इस किस्म के ‘एलीट सपोर्ट’और प्रदीप जैन जैसे नेटवर्किंग मास्टर के साथ आने से स्थिति उनकी पकड़ से निकल न जाए। एक भाजपा नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा अगर प्रदीप भाई पूरे जोर से उतर गए, तो यह चुनाव झोरड़ के पक्ष में बहुत तेजी से झुकेगा। कालांवाली नगरपालिका चुनाव में प्रदीप जैन की भूमिका एक मजबूत ‘गोपनीय रणनीतिकार’ की होती जा रही है। वे ना तो मंचों पर बोलनेे से कतराते हैं, ना माइक पकडऩे से कतराते हैं, लेकिन वार्डों के गणित से लेकर घर-घर की नब्ज पर उनकी पकड़ बहुत गहरी हो चुकी है। यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर झोरड़ जीत की ओर बढ़ते हैं, तो उसमें सबसे बड़ा हाथ गेम चेंजर प्रदीप जैन का ही होगा, जो चुनाव प्रचार नहीं बल्कि चुनाव का नेटवर्क बना रहे हैं।
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