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ओडिशा: महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवालय में हुआ बड़ा आयोजन 

- Photo by : NCR Samachar

ओडिशा  Published by: Laxminarayan Pathi , Date: 09/03/2024 12:14:23 pm Share:
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  • 09/03/2024 12:14:23 pm
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संक्षेप

ओडिशा: परम पावन महाशिवरात्रि के अवसर पर 8 मार्च को श्रद्धालुओं ने शिवालय जाकर दीपदान किए। इस उपलक्ष्य रंग विरंगे रोशनी व दीपमालासे मंदिर सजाया गया। भगवान महादेव के दर्शन पूजन श्रद्धा और उत्साह के साथ भक्तों के द्वारा मनाया गया।

विस्तार

ओडिशा: परम पावन महाशिवरात्रि के अवसर पर 8 मार्च को श्रद्धालुओं ने शिवालय जाकर दीपदान किए। इस उपलक्ष्य रंग विरंगे रोशनी व दीपमालासे मंदिर सजाया गया। भगवान महादेव के दर्शन पूजन श्रद्धा और उत्साह के साथ भक्तों के द्वारा मनाया गया। भगवान शिव के दर्शन देखते ही बन रहे थे। शिवशंकर के जयकार और एकाक्षर मंत्र ओं नमः शिवाय से भक्तों में आस्था का सैलाब उमडा।

यूँ तो राज्य के सभी मंदिरों में भक्तों ने देवदर्शन व पूजन किए। परंपरा के अनुसार इस दिन का एक विशेष महत्व है। उपवास के साथ भगवान शिव के नाम जपना व देर रात तक जागरण और शिवमंदिर में दीपक प्रज्ज्वलन करने से भगवान शिव के आशीर्वाद प्राप्त होता है। भक्तों में यह विश्वास है। इसके चलते राज्य में जगह-जगह पर शिवमंदिर को सुबह से भक्तों के आनाजाना शुरु हुआ। खासकर डेलांग प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत श्रीबालुंकेश्वरदेव, श्रीबांकेश्वर देव श्रीवांकनाथदेव, श्रीबलरामेश्वर देव, श्रीओगरनाथदेव, श्रीवागेश्वरदेव और श्रीखेलेश्वरदेव के मंदिरों में महाशिवरात्रि पर्व विधिवत मनाया गया। 

पुरुणा डेलांग गांव में पश्चिमाशंभू श्रीनीलकंठेश्वर और डेलांग पुलिस चौक परिसर में भगवान शिवशंकर के मंदिरों पर भव्य आयोजन हुआ। मुनिंदा ग्रामपंचायत अंतर्गत अलउता गांव की आराध्यदेव श्रीनीलकंठेश्वर मंदिर में इस अवसर पर अष्टप्रहर का नामयंज्ञ हुआ। हजारों की तादाद में भक्तजन वहां पर शिव आराधना की उद्देश्य लेकर आए हुए थे। रंग विरंग के परिधानों में लोगों के भीड ज्यादातर शाम को जुटी। ऐसा लगता था कि लोगों में शिवशंकर के प्रति निष्ठाभाव सजग है।

रात को ग्यारह वजते ही मंदिर की गर्भगृह से भगवान के प्रतिमा को वाहर लाकर मंदिर के चारोंओर परिक्रमण कराया गया। उसके तुरंत वाद एक सेवक ने प्रज्ज्वलित महादीप लेकर मंदिर की उपर चढे। मंदिर का शीर्ष पर महादीप स्थापना के वाद समस्त संसार की सुख और चैन के लिए उन्होने भगवान शिव को प्रार्थना की। उस वक्त भक्तों के जयशंकर ध्वनि से मंदिर परिसर प्रकंपित हुआ।