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उत्तर प्रदेश: राही होटल में श्रीमद् भागवत कथाय सप्ताह, डा. जगदीश कोठारी ने कृष्ण लीला व पूतना वध का वर्णन किया
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संक्षेप
उत्तर प्रदेश: दिल्ली रोड स्थित राही होटल में मुरादाबाद नगर विधानसभा से भाजपा विधायक रितेश गुप्ता व भाजपा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की संयोजिका अल्पना रितेश गुप्ता के सौजन्य से हो रही सात
विस्तार
उत्तर प्रदेश: दिल्ली रोड स्थित राही होटल में मुरादाबाद नगर विधानसभा से भाजपा विधायक रितेश गुप्ता व भाजपा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की संयोजिका अल्पना रितेश गुप्ता के सौजन्य से हो रही सात दिवसीय श्रीमदभागवत महापुराण सप्ताह कथा पांचवें दिन सोमवार को भी जारी रही। सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिषाचार्य राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित कथा व्यास आचार्य डा. जगदीश प्रसाद कोठारी ने श्री कृष्ण भगवानजी की बाल लीलाओं, पूतना वध आदि का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि जिस पर भगवान कृपा करता है उसी को श्रीमद् भागवत कथा करने का सौभाग्य प्राप्त होता हैं। तन, मन, धन से तीनों प्रकार सेवा के बाद ही भक्त भगवान की कथा का रसपान करते हैं। आचार्य जगदीश प्रसाद कोठारी ने आगे बताया कि बच्चों के जन्म के छठे दिन छठी पर उसका भाग्य लिखा जाता है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के छठे दिन ही पूतना उनको मारने आई थी। जन्म के छठे दिन छठी पर ही बच्चे का भाग्य लिखा जाता है। उन्होंने पूतना का उद्धार किया। भगवान किसी को मारते नहीं है बल्कि उसका उद्धार करते हैं। भगवान समता में रहते हैं लेकिन हमें विषमता दिखती हैं, यह अपने-अपने कर्म होते हैं। मुख्य यजमान नगर विधायक रितेश गुप्ता, अल्पना रितेश गुप्ता रहे। कथा में टीएमयू के ग्रुप वाइस चेयरमैन मनीष जैन, आर एस एस के विभाग प्रचार प्रमुख पवन जैन, आरके मलिक, तनुज अग्रवाल, मयंक अग्रवाल, हेमंत अग्रवाल, दीपक बाबू सीए, गिरीश भंडूला, विनोद अग्रवाल, संजय शर्मा, अमित गुप्ता, सौरभ गुप्ता, विपिन गुप्ता, निमित जायसवाल, राजीव गुप्ता, डा विशेष गुप्ता, अभिषेक चौबे, गुड्डू सैनी, अभिनव शर्मा, सचिन अग्रवाल, शुभम गुप्ता, योगेश कश्यप आदि उपस्थित रहे।
मंगलवार को श्रीमद् भागवत कथा के दौरान आचार्य डा. जगदीश प्रसाद कोठारी ने आगे बताया कि पहले मानव जीवन मिल जाए, फिर मानव जीवन में सत्संग मिल जाए इसके बाद मानव जीवन में सतगुरु मिल जाए इससे बड़ी चीज कोई और नहीं हो सकती। संतों का समागम अर्थात सत्संग मिलना दुर्लभ होता है। एक क्षण का जो सत्संग होता है वह इतना बड़ा पुण्य वाला होता है कि यदि उसको एक तराजू के एक पल्ले में रख दें तो उसको कोई भी चीज तराजू के दूसरे पल्ले से तोल नहीं सकती। अचार्य जगदीश प्रसाद कोठारी ने कहा कि दो प्रकार के तीर्थ होते हैं एक तीर्थ वह होता है जहां हमें जाना पड़ता है जिसमें समय के साथ धन खर्च होता है और धक्के भी खाने पड़ते हैं। दूसरा तीर्थ श्रीमद् भागवत महापुराण कथा होती है जो चलता फिरता तीर्थ होता है आज यहां हो रही है कल कहीं और हो रही होगी। उन्होंने आगे बताया कि प्रयागराज संगम में तीन नदियों की धाराएं मिलती हैं, जिसमें गंगा, जमुना व सरस्वती शामिल हैं।गंगा भक्ति की, जमुना कर्म की और सरस्वती ज्ञान की धारा है। तीनों का मिलना ही संगम कहलाता है। कर्म में भक्ति की आवश्यकता है। कर्म में भक्ति होने से नीति आती है और चलने में भक्ति आ जाए तो वह परिक्रमा कहलाती है। उन्होंने कहा कि तिल धेनु गाय का दान बहुत बड़ा पुण्य होता है। हमें तिलधेनू गो दान ही करना चाहिए।
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