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छत्तीसगढ़: सतनामी समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी पर भड़की भीम आर्मी
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संक्षेप
छत्तीसगढ़: सतनामी समाज के प्रति की गई आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणी को लेकर जिले में आक्रोश व्याप्त हो गया है। पंडित आशुतोष चैतन्य द्वारा सोशल मीडिया एवं सार्वजनिक मंच से सतनामी समाज को "मूर्ख" और "गाय काटने वाला" कहे जाने के बाद समाज के लोगों में भारी रोष फैल गया है।
विस्तार
छत्तीसगढ़: सतनामी समाज के प्रति की गई आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणी को लेकर जिले में आक्रोश व्याप्त हो गया है। पंडित आशुतोष चैतन्य द्वारा सोशल मीडिया एवं सार्वजनिक मंच से सतनामी समाज को "मूर्ख" और "गाय काटने वाला" कहे जाने के बाद समाज के लोगों में भारी रोष फैल गया है। यह बयान न केवल समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है, बल्कि समाज में नफरत, वैमनस्य और सामाजिक विभाजन फैलाने वाला बताया जा रहा है। इसी संदर्भ में भीम आर्मी जांजगीर-चांपा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने थाना बिर्रा पहुंचकर जोरदार नारेबाजी की और थाना प्रभारी महोदय को ज्ञापन सौंपकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि पंडित आशुतोष चैतन्य का यह बयान भारतीय संविधान की समानता की भावना का उल्लंघन करता है और अनुसूचित जाति समाज की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है। भीम आर्मी ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो जिलेभर में व्यापक आंदोलन किया जाएगा। इस अवसर पर उपस्थित समाजजनों ने कहा कि यह मामला केवल एक समाज का नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की सामाजिक एकता और सम्मान का प्रश्न है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से न्याय की अपेक्षा जताई है और दोषी व्यक्ति पर त्वरित कार्रवाई की मांग दोहराई है। जानकारी के अनुसार, पुलिस ने ज्ञापन प्राप्त कर मामले की जांच प्रारंभ करने का आश्वासन दिया है और कहा है कि कानून के अनुसार उचित कदम उठाए जाएंगे। समाज के लोगों ने प्रशासन से शांति बनाए रखने और भड़काऊ बयानों पर सख्त नियंत्रण की मांग की है। जिसमें भीम आर्मी जांजगीर-चंपा के पूर्व जिला उपअध्यक्ष मंगलू खांडेकर जी , पूर्व ब्लाक अध्यक्ष संदीप टंडन जी , ब्लॉक उपअध्यक्ष राज कुमार झलरिया जी एवं समस्त भीम आर्मी साथी जांजगीर चांपा उपस्थित रहे।
आवेदन में यह भी कहा गया है कि इस तरह की टिप्पणी से सामाजिक सद्भाव बिगड़ सकता है और कानून व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। अतः प्रशासन से मांग की गई है कि पंडित आशुतोष चैतन्य के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (BNS 2025) की संबंधित धाराओं के साथ-साथ अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
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