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गुजरात: गुजरात के मुंद्रा में हज़रत हसन शाह पीर का सालाना उर्स मनाया गया

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गुजरात  Published by: Avadiya Imran Nizarali , Date: 15/09/2025 12:32:38 pm Share:
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  • 15/09/2025 12:32:38 pm
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संक्षेप

गुजरात: गुजरात के कच्छ जिले में स्थित मुंद्रा में, खोजा समुदाय (जमात) द्वारा हज़रत हसन शाह पीर (रहमतुल्लाह अलैह) का सालाना उर्स पारंपरिक रू से मनाया गया।

विस्तार

गुजरात: गुजरात के कच्छ जिले में स्थित मुंद्रा में, खोजा समुदाय (जमात) द्वारा हज़रत हसन शाह पीर (रहमतुल्लाह अलैह) का सालाना उर्स पारंपरिक रू से मनाया गया। तीन दिनों तक चले इस धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में कच्छ, सौराष्ट्र, काठियावाड़ और मुंबई समेत देश भर से आए खोजा-इस्माइली समुदाय के लोगों ने भाग लिया। तीन दिवसीय उत्सव की झलकियाँ शुक्रवार: उर्स की शुरुआत दरगाह शरीफ पर 'निशान' (झंडा) चढ़ाकर और 'चादरपोशी' की रस्म के साथ हुई। दोपहर में बड़े पैमाने पर 'नियाज़' (सामुदायिक भोज) का आयोजन किया गया, जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। शनिवार: शाम को एक 'मजलिस' (धार्मिक सभा) का आयोजन हुआ, जिसके बाद रात में डांडिया रास का कार्यक्रम रखा गया। इस मौके पर शकील जुमानी और उनके ऑर्केस्ट्रा बैंड ने अपनी प्रस्तुति से समां बांध दिया।


रविवार शाम को दरगाह परिसर से एक भव्य 'संडल' (शोभायात्रा) निकाली गई। यह यात्रा सोनी बाजार, नदी वाला नाका और मांडवी चौक जैसे मुख्य मार्गों से होते हुए वापस दरगाह शरीफ के प्रांगण में आकर संपन्न हुई। इस शोभायात्रा में खोजा समाज के मुखिया (मुखि साहब), कामड़िया साहब और अन्य गणमान्य सामाजिक नेता विशेष रूप से उपस्थित रहे। सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व: लंगा सुलेमान जुमा परिवार के सदस्य शकील जुमानी ने गुरुवार शाम से सोमवार तक पाँच दिनों तक 'नोबत शर्गाई' की धुनों से समागम को और भी जीवंत बना दिया। यह परिवार पिछले पाँच पीढ़ियों से इस धार्मिक सेवा को निभा रहा है। इस आयोजन के लिए दरगाह शरीफ को एस.डी.सी. कमेटी द्वारा खूबसूरती से सजाया गया था। यह दरगाह सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लिए ही नहीं, बल्कि हिंदू समुदाय के लोगों के लिए भी आस्था का केंद्र है। बड़ी संख्या में हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग यहां माथा टेकने और 'ज़ियारत' (दर्शन) के लिए आते हैं, जो सांप्रदायिक सद्भाव और आपसी भाईचारे की मिसाल पेश करता है।

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