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राजस्थान: कोटपूतली के सब्जी वाले अमित मीणा बने 11 करोड़ के करोड़पति
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संक्षेप
राजस्थान: जिला कोटपूतली बहरोड के कोटपूतली में अमित मीणा जो की सीजन के हिसाब से रेडी लगाया करते थे चमकी किस्मतः 500 रुपये की टिकट ने बना दिया 11 करोड़ का मालिक कहते हैं कि
विस्तार
राजस्थान: जिला कोटपूतली बहरोड के कोटपूतली में अमित मीणा जो की सीजन के हिसाब से रेडी लगाया करते थे चमकी किस्मतः 500 रुपये की टिकट ने बना दिया 11 करोड़ का मालिक कहते हैं किस्मत का कोई भरोसा नहीं, कब, कहां और कैसे पलट जाए ! ऐसा ही कुछ हुआ कोटपूतली के 32 वर्षीय सब्जी वाले अमित सेहरा के साथ, जिन्होंने पंजाब राज्य लॉटरी की 'दिवाली बंपर 2025' में मात्र 500 रुपये की टिकट से 11 करोड़ रुपये जीतकर सबको हैरत में डाल दिया। पंजाब दिवाली बंपर का ड्रॉ 31 अक्टूबर को लुधियाना में हुआ। इस बार पहला पुरस्कार 11 करोड़, दूसरा 1 करोड़ और तीसरा 50 लाख रुपये था। जब नतीजे घोषित हुए, तो टिकट नंबर A438586 विजेता निकला। तीन दिन तक विजेता की पहचान नहीं हो पाई, लेकिन 1 नवंबर को कोटपूतली के अमित सेहरा का नाम सामने आते ही पूरे इलाके में जश्न की लहर दौड़ गई। लॉटरी एजेंसी के लिए विजेता को ढूंढना किसी मिशन से कम नहीं था। फोन, मैसेज और लोकल नेटवर्क के जरिए खोजबीन के बाद अमित तक पहुंच बनाई गई। अमित हंसते हुए बताते हैं, "मेरा फोन खराब था, इसलिए किसी का कॉल नहीं उठा पाया। सुबह जब सब्जी बेच रहा था, तो पड़ोसी ने बताया कि तेरा टिकट 11 करोड़ का निकला है। पहले तो लगा मजाक कर रहा है, लेकिन अब सच में सपना पूरा हो गया। अमित अपनी पत्नी रीता और दो बच्चों के साथ कोटपूतली में किराए के मकान में रहते हैं। हर सुबह 5 बजे सब्जी की रेहड़ी लगाते हैं और शाम को लौटते हैं। खुशी से भरे अमित ने बताया, "सबसे पहले अपने कर्ज चुकाऊंगा, फिर बच्चों की पढ़ाई और एक छोटा घर बनाने का सपना पूरा करूंगा।" बठिंडा जाकर औपचारिकताएं पूरी करने के बाद टैक्स कटौती के पश्चात अमित को करीब 7.3 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई। सूत्रों के अनुसार, वे जल्द ही अपने परिवार के साथ कोटपूतली लौटने वाले हैं।इस बार पंजाब सरकार की दिवाली बंपर लॉटरी की कुल इनामी राशि 6,691 करोड़ रुपये रही। आयोजकों ने इसे भगवान श्रीराम की अयोध्या वापसी और प्रकाश पर्व की भावना से जोड़ते हुए प्रस्तुत किया। कभी रोजाना की कमाई से गुजारा करने वाले अमित सेहरा अब करोड़पति बन चुके हैं। परंतु वे विनम्रता से कहते हैं, "मेहनत बंद नहीं करूंगा, बस अब जिंदगी थोड़ी आसान हो गई है। कोटपूतली के इस साधारण सब्जी वाले की कहानी आज पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा बन गई है क्योंकि सच ही तो है, किस्मत भी मेहनत करने वालों पर मुस्कराती है।