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उत्तर प्रदेश: वेद नागर बोले गौ सेवा ही राष्ट्र सेवा स्वदेशी गौ आधारित अर्थव्यवस्था को बताया आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला

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उत्तर प्रदेश  Published by: Narender (UP) , Date: 05/11/2025 05:15:53 pm Share:
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  • 05/11/2025 05:15:53 pm
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संक्षेप

उत्तर प्रदेश: राष्ट्रीय गौधन महासंघ द्वारा आयोजित ‘स्वदेशी राष्ट्रीय गौधन समिट 2025’ में उमड़ा जनसैलाब वेद नागर बोले गौ सेवा ही राष्ट्र सेवा है  स्वदेशी गौ आधारित अर्थव्यवस्था को बताया आ

विस्तार

उत्तर प्रदेश: राष्ट्रीय गौधन महासंघ द्वारा आयोजित ‘स्वदेशी राष्ट्रीय गौधन समिट 2025’ में उमड़ा जनसैलाब वेद नागर बोले गौ सेवा ही राष्ट्र सेवा है  स्वदेशी गौ आधारित अर्थव्यवस्था को बताया आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला स्थान: नेशनल स्टेडियम, नई दिल्ली नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक नेशनल स्टेडियम में आज राष्ट्रीय गौधन महासंघ द्वारा आयोजित ‘स्वदेशी राष्ट्रीय गौधन समिट 2025’ में देशभर से आए गौ भक्तों, समाजसेवियों, गौशाला संचालकों और स्वदेशी उत्पाद निर्माताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में गौ रक्षा हिन्दू दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गौचर भूमि मुक्त अभियान के राष्ट्रीय संयोजक श्री वेद नागर (भाजपा) ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। समिट में मंच पर देश के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने गौ माता से निर्मित उत्पादों का प्रदर्शन किया, जिनमें गोमूत्र, गोबर आधारित जैविक खाद, दवाइयाँ, साबुन, धूपबत्ती, पेंट, कीटनाशक और ऊर्जा उत्पादों जैसी सामग्रियाँ प्रमुख रहीं।
इन सभी उत्पादों ने न केवल स्वदेशी अर्थव्यवस्था की ताकत को प्रदर्शित किया बल्कि यह भी दिखाया कि गौ आधारित उद्योग भारत को आत्मनिर्भरता की दिशा में कैसे अग्रसर कर सकता है।


गौ माता की रक्षा और स्वदेशी चिंतन पर विस्तृत विमर् कार्यक्रम के दौरान गौ माता की रक्षा, सुरक्षा और संरक्षण को लेकर विभिन्न सत्र आयोजित किए गए।
वेद नागर ने अपने संबोधन में कहा  गौ माता हमारी संस्कृति, अर्थव्यवस्था और जीवन के मूल में हैं। उनका संरक्षण केवल धार्मिक आस्था का विषय नहीं, बल्कि राष्ट्र के समग्र विकास का आधार है। जब तक भारत की गौशालाएँ सुरक्षित और समृद्ध नहीं होंगी, तब तक गांव और किसान आत्मनिर्भर नहीं बन सकते। उन्होंने आगे कहा कि स्वदेशी गौ आधारित अर्थव्यवस्था ग्रामीण भारत की रीढ़ है। इससे किसानों को नई आय के स्रोत मिलते हैं, जैविक खेती को बढ़ावा मिलता है और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” के संकल्प को पूरा करने में गौ अर्थव्यवस्था की अहम भूमिका होगी। समिट में गौ भक्तों और समाजसेवी संस्थाओं की बड़ी भागीदार समिट में देशभर से गौ भक्तों, साधु-संतों, सामाजिक संगठनों, पर्यावरणविदों और युवा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
विभिन्न गौशालाओं द्वारा संचालित स्टॉल्स पर देसी नस्लों की जानकारी, गो आधारित दवाओं और जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी देखी गई। समाजसेवी संगठनों ने गौ आधारित रोजगार और ग्रामीण विकास के मॉडल प्रस्तुत किए, जिन्हें उपस्थित जनों ने विशेष रुचि के साथ देखा। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय गौधन महासंघ के पदाधिकारियों ने भी बताया कि देश के विभिन्न राज्यों में “गौ ग्राम विकास” योजनाओं के माध्यम से हजारों ग्रामीण परिवारों को रोजगार और आत्मनिर्भरता का मार्ग मिला है।


गौ सेवा ही राष्ट्र सेवा” — वेद नागर का संकल् वेद नागर ने अंत में कहा कि आज के इस सम्मेलन ने यह भाव और अधिक दृढ़ किया है कि “गौ सेवा ही सच्चे अर्थों में राष्ट्र सेवा है। उन्होंने सभी गौ भक्तों से आह्वान किया कि गौ माता की रक्षा, संवर्धन और स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर देश को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दें। समापन अवसर पर गौ माता की आरती और राष्ट्रगीत के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में गौ संरक्षण से जुड़े कई प्रमुख कार्यकर्ताओं को सम्मानित भी किया गया।संक्षेप में कार्यक्रम की प्रमुख झलकिया गौ माता से निर्मित स्वदेशी उत्पादों की प्रदर्शनी ने आकर्षित किया ध्यान ग्रामीण अर्थव्यवस्था में गो आधारित उद्योग की भूमिका पर गहन विमर्शदेशभर से आए गौ भक्तों, साधु-संतों और सामाजिक संगठनों की उपस्थितिवेद नागर ने दिया संदेश — “गौ सेवा ही राष्ट्र सेवा।