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राजस्थान: निदेशक जन स्वास्थ्य की मैराथन बैठक, मौसमी बीमारियों पर फोकस, चिकित्सकों को फोर-पैटर्न फॉर्मूला पर काम करने के निर्देश

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राजस्थान  Published by: Manoj Kumar Chordiya , Date: 13/09/2025 04:28:35 pm Share:
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  • 13/09/2025 04:28:35 pm
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संक्षेप

राजस्थान: निदेषक जन स्वास्थ्य जन स्वास्थ्य डाॅ. रवि प्रकाश शर्मा ने डेंगू, मलेरिया, स्क्रबटाइफस तथा वायरल बुखार सरीखी मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं मरीजों के उपचार को लेकर चलाए जा रहे अ

विस्तार

राजस्थान: निदेषक जन स्वास्थ्य जन स्वास्थ्य डाॅ. रवि प्रकाश शर्मा ने डेंगू, मलेरिया, स्क्रबटाइफस तथा वायरल बुखार सरीखी मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं मरीजों के उपचार को लेकर चलाए जा रहे अभियान पर चिकित्सा अधिकारियों को विशेष दिशा निर्देश दिए। निदेशक जन स्वास्थ्य ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं मरीजों के उपचार को लेकर फाॅर पेटर्न फार्मूला पर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डेंगू मलेरिया पर प्रभावी रोकथाम को लेकर फाॅर पेटर्न फार्मूला में सबसे पहले हमें प्रथम चरण में साॅर्स डिडक्शन पर काम करें, दूसरे चरण में एंटी लार्वा गतिविधि, तीसरे चरण में  डेंगू व मलेरिया से ग्रसित व्यक्ति के घर में आगामी बचाव के उपचार किया जाना तथा अंतिम चरण में डेंगू व मलेरिया फैलाव वाले क्षेत्र में आमजन को इन मौसमी बीमारियों से बचाव एवं उपचार के प्रति जागरूक किए जाने का काम करें। 

निदेशक जन स्वास्थ्य डाॅ. रवि प्रकाश शर्मा ने बैठक में मौजूद विभाग के जिला स्तरीय एवं ब्लाॅक स्तरीय अधिकारियों, जिला अस्पताल, उप जिल अस्पताल तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए वे अपने-अपने कार्यस्थल पर राज्य मुख्यालय की ओर से भेजी गई चैकलिस्ट पर काम करें। उन्होंने कहा कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी कम से कम हर पखवाड़े चैकलिस्ट के मुताबिक अपने चिकित्सा संस्थान का निरीक्षण करें और इसमें दिए गए बिन्दुओं पर रिपोर्ट भरें ताकि वे स्वयं अपडेट रहेंगे। इसके साथ-साथ प्रभारी चिकित्सा अधिकारी अपने चिकित्सा संस्थान में यदि संसाधनों की कमी है तो इनकी उपलब्धता सुनिश्चित करें। 

निदेशक जन स्वास्थ्य ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. जुगल किशोर  सैनी को निर्देश दिए कि वे जिले में नवनियुक्त चिकित्सकों का आमुखीकरण करें, इसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा जाए ताकि वे एक सरकारी चिकित्सक के रूप में दी जाने वाली सेवाओं सहित  अन्य विभागीय जिम्मेदारियों व जन स्वास्थ्य कल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करते हुए उसकी रिपोर्टिंग भी अपडेट रख सके। निदेशक जन स्वास्थ्य डाॅ. शर्मा ने मौसमी बीमारियों की फैलाव की आशंका  के चलते जिले में चिकित्सकीय एवं पैरामेडिकल स्टाॅफ को उच्च अधिकारियों की बिना अनुमति के अवकाश नहीं देने की हिदायत दी। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक चिकित्सक अपने कार्यस्थल पर निर्धारित समय पर पूरी सेवाएं दें। किसी भी चिकित्सा संस्थान पर ड्यूटी टाइम में बिना बताए अनुपस्थित रहने वाले चिकितसक एवं पैरामेडिकल स्टाॅफ पर विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी  डाॅ. जुगल किशोर सैनी ने बताया कि निदेशक जन स्वास्थ्य की ओर से ली गई इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के राज्य नोडल अधिकारी डाॅ. राम बाबू जायसवाल,  विभाग के संयुक्त निदेशक माॅनिटरिंग एवं लीगल डाॅ. ओ.पी. शर्मा, संयुक्त निदेशक अजमेर जोन डाॅ. सम्पतसिंह जोधा ने भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए.  वहीं जिला स्तर से इस बैठक जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. महेश वर्मा, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. शीशराम चौधरी,  जिला टी. बी.  नियंत्रण अधिकारी डॉक्टर श्रवण राव,  उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. रतनाराम बिड़ियासर, बीसीएमओ डाॅ. मेहराम महिया, पंडित जेएलएन राजकीय जिला अस्पताल के पीएमओ डाॅ. आरके अग्रवाल,  एनएचएम के जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव सोनी, जिला लेखा प्रबंधक जीवनपाल, एपिडेमोलाॅजिस्ट साकिर खान, एनयुएचएम के डीपीएम डाॅ. चंद्रसिंह शेखावत, बीसीएमओ डाॅ. आर.के. तंवर, डाॅ. राकेश सिरोही, डाॅ. चैनाराम, डाॅ. श्रीफल मीणा, जिला अस्पताल खींवसर के पीएमओ डाॅ. रामजीत टाॅक, एफसीएलओ सादिक त्यागी  सहित जिले के राजकीय उप जिला अस्पतालों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों व विभिन्न कार्यक्रमों के जिला कार्यक्रम समन्वयकों ने भाग लिया।   

स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार अभियान पर रखी अपनी बात


निदेशक जन स्वास्थ्य डाॅ. रवि प्रकाश शर्मा ने नागौर के स्वास्थ्य भवन से ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ की अध्यक्षता में रखी गई वीडियो कांफ्रेसिंग में भाग लिया। प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने वीडियो काॅफ्रेंस के जरिए आगामी 17 सितम्बर 2025 से शुरू होने वाले सशक्त नारी-सशक्त परिवार अभियान के क्रियान्वयन को लेकर दिए गए आवष्यक दिशा-निर्देश दिए। निदेशक जन स्वास्थ्य ने भी इस अभियान के तहत जिला अस्पताल से लेकर आयुष्मान आरोग्य मंदिरों तक में 2 अक्टूबर 2025 तक लगने वाले विशेष  स्वास्थ्य शिविरों के सफल संचालन और प्रभावी माॅनिटरिंग को लेकर अपने सुझाव दिए। 

एनसीडी व टी.बी उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा 

निदेशक जन स्वास्थ्य डाॅ. रवि प्रकाश शर्मा ने एनसीडी व टी.बी उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जिले में प्रत्येक सरकारी चिकित्सा संस्थान के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, आयुष्मान आरोग्य केन्द्र पर नियुक्त सीएचओ तथा एएनएम सक्रियता के साथ काम करें। आयुष्मान भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए 30 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति की बीपी व शुगर की जांच करें और उनका रजिस्ट्रेशन आभा आईडी से ही करें। जांच के बाद बीपी व शुगर से ग्रसित मरीजों को आवष्यक दवाईयों उपलब्ध करवाते हुए उन्हें दिनचर्या व आहार में सुधार लाने की सीख देने के साथ-साथ उनका नियमित फाॅलोअप चैकअप भी करें। वहीं क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त ग्राम पंचायत अभियान को सफल बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला टी. बी. नियंत्रण अधिकारी डॉक्टर श्रवण राव सहित समस्त चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह अभियान भी चरणबद्ध तरीके से 


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