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राजस्थान: आर्य समाज कोटपूतली ने मनाया महर्षि दयानंद का 142वां बलिदान दिवस, यज्ञ और वैदिक मंत्रों से दी श्रद्धांजलि
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संक्षेप
राजस्थान: आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती का 142 वा बलिदान दिवस मनाया। दीपावली के दिन प्रातः 9:00 बजे आर्य सन्यासी स्वामी आदित्यानं
विस्तार
राजस्थान: आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती का 142 वा बलिदान दिवस मनाया। दीपावली के दिन प्रातः 9:00 बजे आर्य सन्यासी स्वामी आदित्यानंद के सानिध्य में यज्ञ किया गया । अशोक कुमार आर्य एवं बहन अनीता शास्त्री ने वैदिक मंत्रों के द्वारा महर्षि दयानंद को स्मरण करते हुए आहुतियां प्रदान की । बहन अनीता शास्त्री ने महर्षि दयानंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उस कालखंड में समाज में फैली कुरीतियों आडम्बर, पाखंडवाद को दूर कर वेदों की ओर लौटने का संदेश देते हुए महिला शिक्षा को भी प्रोत्साहन दिया। लेकिन ऐसे ऋषि को आज दीपावली के ही दिन 142 वर्ष पूरी दुनिया में ज्ञान का प्रकाश फैलाने वाले चमकते हुए दीपक को जहर देकर बुझा दिया गया । बहन अनीता शास्त्री ने आज के इस दीपावली पर्व को शारदीय नव सयंषठी यज्ञ बताया। उन्होंने कहा कि नई फसल के आगमन पर पूरे भारत देश में सभी मिलकर नई फसल की खुशी में सब सामुहिक यज्ञ किया करते थे। और श्री राम के 14 वर्ष वनवास के बाद अयोध्या वापसी पर खुशी के रूप में इसको दीपावली पर्व के रूप में भी मनाया जाता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है ।स्वामी आदित्यानंद में बताया कि हम वेद के मंत्रों का हिंदी में भावार्थ समझते हुए ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना,उपासना, करनी चाहिए, जिससे अधिक लाभ होता है। वही आर्य समाज के कार्यकर्ताओं में बहन अनीता शास्त्री का राजकीय सेवा में प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति होने पर उनका स्वागत किया गया। कार्यक्रम में रामकुमार सैनी, अशोक कार्य, प्रधान डॉक्टर हरीश कुमार ने भी अपने विचार रखे। तथा दीपावली के इस पर्व को सभी के साथ प्रसन्नता एवं उल्हास पूर्व मनाने का आह्वान किया। कार्यक्रम में संजीव कुमार शर्मा,जगदीश आर्य शीशराम यादव कोषाध्यक्ष, बहादुर सिंह आर्य ,रमेश कुमार आर्य ,आर्यन ,हर्ष वर्मा , अरनव आर्य , चन्द्रशेखर आर्य उपस्थित रहे।