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उत्तर प्रदेश: महाकुंभ में 55 लाख विदेशी पर्यटक, पर्यटन निगम ने 100 करोड़ की कमाई, टेंट सिटी और साहसिक गतिविधियों से बही धन की वर्षा
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संक्षेप
उत्तर प्रदेश: विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ ने इस बार पर्यटन के क्षेत्र में ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना दिए हैं। संगम नगरी में आयोजित 45 दिवसीय महाकुंभ में लगभग 55 लाख विदेशी पर्यटक पहुंचे, जो पिछले वर्ष के आंकड़े 5,000 विदेशी पर्यटकों से कहीं अधिक है।
विस्तार
उत्तर प्रदेश: विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ ने इस बार पर्यटन के क्षेत्र में ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना दिए हैं। संगम नगरी में आयोजित 45 दिवसीय महाकुंभ में लगभग 55 लाख विदेशी पर्यटक पहुंचे, जो पिछले वर्ष के आंकड़े 5,000 विदेशी पर्यटकों से कहीं अधिक है। इस सफलता से भारतीय पर्यटन को एक नई ऊंचाई प्राप्त हुई है। पर्यटन विभाग ने महाकुंभ के दौरान न केवल जनमानस के लिए आधुनिक आश्रय स्थल और अवस्थापन के विकल्प प्रदान किए, बल्कि निजी भागीदारी से टेंट सिटी का संचालन भी किया। इस टेंट सिटी से पर्यटन विभाग ने करीब 100 करोड़ रुपये की कमाई की है। साथ ही निजी फर्मों के लिए 73.45 करोड़ रुपये की आमदनी का अनुमान है। महाकुंभ में विदेशी श्रद्धालुओं का आगमन इस बार ऐतिहासिक रूप से बढ़ा है। 73 देशों के राजनयिकों और 116 देशों के श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। प्रमुख देशों में नेपाल, अमेरिका, ब्रिटेन, श्रीलंका, कनाडा और बांग्लादेश शामिल हैं। इसके साथ ही रूस, जापान, जर्मनी, ब्राजील, फ्रांस, न्यूजीलैंड जैसे देशों से भी श्रद्धालु आए। विदेशी पर्यटकों के आगमन से प्रयागराज और अन्य धार्मिक स्थलों जैसे वाराणसी, अयोध्या, मथुरा और कुशीनगर में स्थानीय कारोबार में भी वृद्धि हुई है। होटल, गाइड, ट्रांसपोर्ट, हस्तशिल्प उद्योगों को लाभ हुआ है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ है। केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने महाकुंभ के प्रभाव को स्वीकार करते हुए कहा कि इसमें आए करोड़ों पर्यटकों का खर्च चौथी तिमाही के जीडीपी में सकारात्मक असर डाल सकता है। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, महाकुंभ के दौरान 2,100 कैम्प और टेंट कालोनियों में 110 कैम्प बनाए गए थे, जिनकी बुकिंग देश-विदेश के पर्यटकों के लिए कठिन हो गई थी। महाकुंभ के आयोजकों ने पर्यटकों के मनोरंजन के लिए साहसिक और जल क्रीड़ा गतिविधियों का आयोजन भी किया। 500 से अधिक कलाकारों ने श्रद्धालुओं का मनोरंजन किया, जिन पर करोड़ों रुपये खर्च हुए। इस दौरान, पवन हंस द्वारा हेलिकॉप्टर राइड से 50 लाख रुपये और विभिन्न फूड कोर्ट्स ने 30 करोड़ रुपये की कमाई की। इस आयोजन से रोजगार के अवसर भी उत्पन्न हुए, जिसमें करीब दो हजार युवाओं, श्रमिकों, कलाकारों, कुक, वेटर, इलेक्ट्रीशियन और अन्य श्रेणियों के लोगों को काम मिला। महाकुंभ ने भारतीय पर्यटन को नई दिशा दी है और भविष्य में इससे जुड़ी योजनाओं के लिए उम्मीदों को और बढ़ा दिया है।
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