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मध्य प्रदेश: शहडोल में महाशिवरात्रि में भोले बाबा की निकाली गई बारात
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संक्षेप
मध्य प्रदेश: साठ वर्षों से चल रही प्रथा महाशिवरात्रि में निकलती है अद्भुत भोले की बारात। हजारों की संख्या में श्रद्धालु पूरे मध्य प्रदेश में मात्र एक गिरिजा महारानी की मूर्ति के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यह पूरा कार्यक्रम ब्रह्म भट्ट परिवार के द्वारा कराया जाता है।
विस्तार
मध्य प्रदेश: साठ वर्षों से चल रही प्रथा महाशिवरात्रि में निकलती है अद्भुत भोले की बारात। हजारों की संख्या में श्रद्धालु पूरे मध्य प्रदेश में मात्र एक गिरिजा महारानी की मूर्ति के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यह पूरा कार्यक्रम ब्रह्म भट्ट परिवार के द्वारा कराया जाता है। जहां पूरे देश भर में सभी शिवालयों में महाशिवरात्रि का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है, वहीं कुछ ऐसे स्थान भी हैं जहां भोलेनाथ की अद्भुत बारात के साथ पुरानी परंपरा आज भी प्रचलित है, जिसे देखने के लिए दूर-दराज से श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है। बाजे-गाजे के साथ कहीं रथ में तो कहीं नंदी पर सवार होकर भोलेनाथ अपने भक्तों के साथ बारात ले जाते दिखाई देते हैं। वहीं भोलेनाथ की इस बारात में सभी श्रद्धालु शामिल होते हैं। अद्भुत होती है यह भोले की बारात शिव शंकर की बारात में भूत-पिसाच के साथ-साथ कई साधु-संत भी मौजूद रहते हैं। यह बारात देखने भक्तों की भीड़ लगती है। शहडोल संभाग के उमरिया जिले के ग्राम अखडार में 60 वर्षों की परंपरा आज भी प्रचलित है। ग्राम अखडार में आज भी माता पार्वती की ऐसी मूर्ति है जो पूरे मध्य प्रदेश में नहीं है। गिरिजा महारानी की यह मूर्ति 60 वर्ष पूर्व पूरनराम ब्रह्म भट्ट के द्वारा स्थापित की गई थी, जो आज भी मंदिर में माता की मूर्ति विराजमान है। वहीं आज भी ब्रह्म भट्ट परिवार के द्वारा महाशिवरात्रि के दिन शंकर भगवान की बड़े धूमधाम से बारात निकलवाई जाती है, जिसमें हजारों की संख्या में दूर-दराज से श्रद्धालु पहुंचते हैं। महाशिवरात्रि का यह कार्यक्रम तीन दिनों का किया जाता है।