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उत्तर प्रदेश: सिंहदरबार जलकर राख, देश में Gen-Z आंदोलन से हिंसा चरम पर

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उत्तर प्रदेश  Published by: Sandeep Kumar (UP) , Date: 10/09/2025 05:56:49 pm Share:
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  • 10/09/2025 05:56:49 pm
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संक्षेप

उत्तर प्रदेश: नेपाल इस समय एक बड़े राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा है। राजधानी काठमांडू का ऐतिहासिक सिंहदरबार भवन, जो लंबे समय से नेपाल की सत्ता और प्रशासन का प्रतीक रहा है

विस्तार

उत्तर प्रदेश: नेपाल इस समय एक बड़े राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा है। राजधानी काठमांडू का ऐतिहासिक सिंहदरबार भवन, जो लंबे समय से नेपाल की सत्ता और प्रशासन का प्रतीक रहा है, अब हिंसक प्रदर्शनों की आग में जलकर राख हो चुका है।  कैसे भड़की हिंसा पाल की नई पीढ़ी, जिसे Gen-Z आंदोलन कहा जा रहा है, पिछले कई महीनों से सरकार के खिलाफ विरोध कर रही है। राजनीतिक अस्थिरता, बेरोज़गारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर युवाओं का गुस्सा सड़कों पर दिखाई दे रहा है, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों के इस्तीफ़े के बाद उम्मीद थी कि हालात सामान्य होंगे, लेकिन इसके उलट आंदोलन और भी हिंसक होता जा रहा है।
सिंहदरबार बना निशाना प्रदर्शनकारियों का गुस्सा उस वक्त चरम पर पहुँच गया जब उन्होंने काठमांडू स्थित सिंहदरबार को घेर लिया। देखते-ही-देखते वहाँ आगजनी और तोड़फोड़ शुरू हो गई। चारों ओर काले धुएँ का गुबार छा गया और ऐतिहासिक धरोहर पल भर में राख में बदल गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हजारों की भीड़ इकट्ठा थी और सुरक्षाबलों की मौजूदगी के बावजूद आगजनी को रोका नहीं जा सका। पुलिस और प्रदर्शनकारियों में टकराव

पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए लाठीचार्ज और आँसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन प्रदर्शनकारी और उग्र हो गए। कई जगह सुरक्षा बलों और युवाओं के बीच झड़पें हुईं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक कई लोग घायल हो चुके हैं, हालांकि आधिकारिक आंकड़े सामने नहीं आए हैं। ऐतिहासिक धरोहर का नुकसा सिंहदरबार सिर्फ एक इमारत नहीं था, बल्कि नेपाल की राजनीतिक यात्रा का गवाह भी रहा है। इस भवन से कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए। आगजनी के बाद अब वहाँ सिर्फ मलबा और राख बची है, जो नेपाल की मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल का प्रतीक बन गई है। अंतरराष्ट्रीय चिंता नेपाल में जारी हिंसा पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता जताई जा रही है। पड़ोसी देश भारत समेत कई देशों ने अपने नागरिकों को सतर्क रहने और काठमांडू जाने से बचने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हालात जल्द काबू में नहीं आए तो नेपाल एक गहरे राजनीतिक और आर्थिक संकट में फँस सकता है भविष्य की राह जनता की नाराज़गी और युवाओं का आक्रोश संकेत देता है कि नेपाल को अब एक नए राजनीतिक ढाँचे और मज़बूत नेतृत्व की सख्त ज़रूरत है। सवाल यह है कि क्या नेपाल की राजनीति इस संकट से उभर पाएगी या देश और गहरे अराजकता की ओर बढ़ेगा?