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हरियाणा: आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल करने व संविधान संशोधन के विरोध में सर्व SC संघर्ष समिति की बैठक
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संक्षेप
हरियाणा: भारतीय संविधान के साथ छेड़छाड़ ना करने, सर्वोच्च न्यायालय में लंबित याचिका को खारिज करने व आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने का है मामला।
विस्तार
हरियाणा: भारतीय संविधान के साथ छेड़छाड़ ना करने, सर्वोच्च न्यायालय में लंबित याचिका को खारिज करने व आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने का है मामला। सर्व अनुसूचित जाति संघर्ष समिति के तत्वावधान में बैठक का आयोजन समिति कार्यालय में समिति के प्रधान चंदन सिंह जलवान की अध्यक्षता में किया गया । बैठक में वंचित एवं हासिया पर रखे समाज के संवैधानिक अधिकारों के साथ छेड़छाड़ करने के विषय पर विभिन्न संगठनों ने रोष व्यक्त किया और सामूहिक हस्ताक्षर युक्त पत्र राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को लिखकर मांग की है कि आर्थिक आधार पर भारतीय संविधान के साथ कोई भी छेड़छाड़ ना करने, सर्वोच्च न्यायालय में लंबित याचिका को खारिज करने व आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए । बैठक का संचालन समिति के महासचिव एवं कबीर सामाजिक उत्थान संस्था, दिल्ली के वाइस चेयरमैन बिरदी चंद गोठवाल द्वारा किया गया । बैठक को संबोधित करते हुए समिति के प्रधान चंदन सिंह जलवान ने कहा कि आरक्षण में आर्थिक आधार, क्रीमीलेयर, अनुसूचित जाति का वर्गीकरण आदि आधारहीन बातों को समाज में विभाजन और वैमनस्य को पैदा करने के लिए लाया जाता है । परिवर्तनकारी साहित्य मंच के अध्यक्ष एवं पूर्व प्राचार्य डॉ शिवताज सिंह ने कहा कि संविधान में आरक्षण का प्रावधान सामाजिक विषमता समाप्त करने के लिए उपेक्षित तबक़ों को अनिवार्य पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के लिए किया गया था। आरक्षण के मामले में आर्थिक अवधारणा की कोई बात ही बेमानी है। यह मात्र वितंडावाद है । महासचिव गोठवाल ने कहा कि क्या सचमुच भारत में जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न खत्म हो गया है। क्या नीचे से ऊपर तक अनुसूचित जातियों को अधिकार विहीन करने वाली प्रवृत्ति यहां के लोगों के खून में नहीं है, जिस पर संवैधानिक पाबंदी अनिवार्य है। पूर्व डीजीएम महेंद्र खन्ना व पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक प्यारेलाल चवन ने कहा कि यह समाज के उपेक्षित तबक़ों को वहीं का वहीं रखने वाला एक घातक मनोविज्ञान है।
इस अवसर पर धानक समाज के प्रमुख समाजसेवी शिवनारायण मोरवाल, गुरु रविदास महासभा के पूर्व प्रधान बलबीर सिंह बबेरवाल, उपाध्यक्ष एवं वाल्मीकि सभा के राजेश चांवरिया, पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक जयपाल सिंह, अटेली खण्ड के प्रधान किशनलाल, प्रमुख सलाहकार प्रभु दयाल व दयानंद सांवरिया, सुमेर सिंह गोठवाल, थानेदार हरि सिंह रेवाला, सूबेसिंह गोठवाल, पूर्व डीएफओ वीरसिंह गोठवाल, रामशरण रेवाला, रामचंद्र गोठवाल, रामकिशन धोलेड़ा, धर्मवीर कटारिया, कन्हैया लाल, नारनौल खण्ड के प्रधान सुरेश नारनोलिया, हजारीलाल खटावला, रामचंद्र सैनी, प्रवीण प्रजापत आदि अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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