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राजस्थान: सांगरिया में सात दिवसीय श्री देवनारायण महापुराण कथा का भव्य समापन, 15 हजार भक्त हुए महाप्रसादी में शामिल
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संक्षेप
राजस्थान: फूलियाकलां उपखंड क्षेत्र के सांगरिया में शुक्रवार 5 दिसंबर से चल रही सात दिवसीय श्री देवनारायण महापुराण कथा का गुरुवार 11 दिसंबर को समापन हुआ। प्रथम दिवस कलश यात्रा के साथ कथा प्रारंभ हुई।
विस्तार
राजस्थान: फूलियाकलां उपखंड क्षेत्र के सांगरिया में शुक्रवार 5 दिसंबर से चल रही सात दिवसीय श्री देवनारायण महापुराण कथा का गुरुवार 11 दिसंबर को समापन हुआ। प्रथम दिवस कलश यात्रा के साथ कथा प्रारंभ हुई। कथावाचक पंडित राजेंद्र आचार्य से प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक 4 घंटा श्रोताओं ने कथा सुनी। श्री देवनारायण महापुराण कथा के साथ-साथ रात्रि बगड़ावत वार्ता का आयोजन भी हुआ।श्री देवनारायण महापुराण कथा रात्रि बगडावत वार्ता 5 दिसंबर से 10 दिसंबर तक हुई जिसमें शुक्रवार 5 दिसंबर को लाला सांखलिया, शनिवार 6 दिसंबर को मंसाराम गुर्जर चांदमा, रविवार 7 दिसंबर को भंवर गुर्जर पनोतिया व मोहन डोई का खेडा, सोमवार 8 दिसंबर को कालू गुर्जर कनेछन कलां, मंगलवार 9 दिसम्बर को देवराज गुर्जर तस्वारिया, बुधवार 10 दिसम्बर को विनोद गुर्जर बगड़ावत, हेमराज राज्यास आदि कलाकारों ने धार्मिक कार्यक्रम के तहत प्रतिदिन रात्रि 8 बजे से बगड़ावत देवनारायण की वार्ता का विशेष आयोजन कर भक्तों को देव परंपरा से रूबरू कराया। कथा व्यास पंडित राजेंद्र आचार्य के मुखारविंद बगडावतों के लुटे हुए धन-माल को भूणा जी और देवनारायण द्वारा वापस लाना, नीमदेव व राणा दुर्जन साल का वध, दयावश देवनारायण द्वारा राणा को पुनर्जीवित का चमत्कार, तारांदे के मायरा भरना, देवनारायण का लीला समाप्त कर साडू माता, पीपलदे पत्नी व गांव संसार वालों से विदाई ले घोड़े पर सवार होकर सदेह वैकुंठ धाम जाना इत्यादि प्रसंग श्री देवनारायण महापुराण कथा में बताए गए। प्रतिदिन यज्ञ में आहुतियां के सातवें दिन यजमान गणों ने पूर्णाहुति दी। संत ब्राह्मण संगीत पार्टी, झांकी पार्टी, भोपाजी का स्वागत सम्मान व विदाई का आयोजन भी हुआ। कथा के दौरान महिलाओं ने बढ़ चढ़कर नृत्य करते हुए भरपूर आनंद लिया। कथा पूर्णाहुति में राष्ट्रीय कांग्रेस सचिव धीरज गुर्जर पहुंचे और आयोजक पोषवाल परिवार को श्री देवनारायण माहपुराण कथा आयोजन को लेकर शुभकामनाएं दी। आयोजन समिति के सदस्य लालाराम गुर्जर ने बताया कि अंतिम दिवस गुरुवार 11 दिसंबर को आयोजक पोषवाल परिवार सांगरिया द्वारा दोपहर 3 बजे से पूर्णाहुति व महाप्रसादी का आयोजन हुआ। प्रतिदिन चल रहे भण्डारे के सातवें दिन आयोजक पोषवाल परिवार द्वारा सांगरिया पंचायत के 15 हजार भक्तों ने महाप्रसादी ग्रहण की।
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