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उत्तर प्रदेश: रबी कृषि निवेश मेला सम्पन्न, किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन व निःशुल्क सामग्री दी गई

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उत्तर प्रदेश  Published by: Suraj Maurya , Date: 12/12/2025 01:20:19 pm Share:
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  • 12/12/2025 01:20:19 pm
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संक्षेप

उत्तर प्रदेश: जनपद मीरजापुर के विकास खण्ड पटेहरा कला परिसर में 11 दिसम्बर 2025 को प्रातः 11 बजे से रबी कृषि निवेश मेला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मड़िहान विधायक श्री रमाशंकर पटेल ने दीप प्रज्वलित कर किया। उ

विस्तार

उत्तर प्रदेश: जनपद मीरजापुर के विकास खण्ड पटेहरा कला परिसर में 11 दिसम्बर 2025 को प्रातः 11 बजे से रबी कृषि निवेश मेला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मड़िहान विधायक श्री रमाशंकर पटेल ने दीप प्रज्वलित कर किया। उद्घाटन के बाद विधायक ने कृषि विभाग द्वारा लगाई गई विभिन्न प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह कृषि निवेश मेला किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर अनेक नीतिगत कदम उठा रही है तथा कृषि लागत कम करने और फसलों का उचित मूल्य सुनिश्चित करने पर कार्य कर रही है।

उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि सरकार किसानों को ₹2,000 की प्रत्येक किस्त के रूप में वार्षिक ₹6,000 की सहायता सीधे खातों में भेज रही है, जिससे कृषि कार्यों में आर्थिक सहयोग मिल सके। उप कृषि निदेशक विकेश कुमार ने विभागीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही बताया कि किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन देने हेतु 12 से 29 दिसम्बर 2025 तक प्रत्येक ग्राम पंचायत में किसान पाठशाला आयोजित की जाएगी। कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष प्रो. श्रीराम सिंह ने किसानों को प्राकृतिक खेती की विस्तृत जानकारी दी तथा जीवामृत, घनजीवामृत, बीजामृत, ब्रह्मास्त्र और नीमास्त्र बनाने की विधियां समझाईं।

भारतीय भू-उपयोगिता एवं सर्वेक्षण, नई दिल्ली के वैज्ञानिक डॉ. एस.एन. सिंह ने अत्यधिक रासायनिक खादों के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता और मानव स्वास्थ्य दोनों प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने किसानों को फसलों में जिप्सम के उपयोग की सलाह दी — तिलहन में दो बोरी प्रति बीघा तथा दलहन/अनाज में एक बोरी प्रति बीघा — जिससे उत्पादन व गुणवत्ता में वृद्धि संभव है। वैज्ञानिक डॉ. पंकज कुमार मिश्रा (वप्रासहा ग्रुप-बी) ने श्रीअन्न (मिलेट्स) — ज्वार, बाजरा, कोदो, सांवा, रागी — के महत्व और उनसे तैयार होने वाले उत्पादों के माध्यम से अतिरिक्त आय के अवसरों पर विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित किसानों के साथ प्रश्नोत्तरी भी आयोजित की गई, जिसमें किसानों को नैनो यूरिया निःशुल्क वितरित किया गया। कार्यक्रम का संचालन संतोष कुशवाहा (वप्रासहा ग्रुप-बी) द्वारा किया गया। इस अवसर पर उप निदेशक कृषि रक्षा दीपक चौधरी, एसएमएस साक्षी सिंह, सवि.अ. (कृषि) अंकित सिंह सहित कृषि विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
 


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