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मध्य प्रदेश: कलेक्टर गौरव बैनल ने छोड़ा एनटीपीसी बंगला, अब रहेंगे जनता के बीच
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संक्षेप
मध्य प्रदेश: जिले में अपने तेज़-तर्रार निर्णयों और जनता से जुड़े फैसलों के लिए चर्चित कलेक्टर गौरव बैनल ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने न सिर्फ प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
विस्तार
मध्य प्रदेश: जिले में अपने तेज़-तर्रार निर्णयों और जनता से जुड़े फैसलों के लिए चर्चित कलेक्टर गौरव बैनल ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने न सिर्फ प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है। बल्कि आम जनता के दिलों में भी जगह बना ली है। इस बार मामला किसी कार्रवाई या निरीक्षण का नहीं, बल्कि एक मानवीय और संवेदनशील फैसले का है। एक ऐसा निर्णय जो सिंगरौली के प्रशासनिक इतिहास में उदाहरण बन सकता है। साल 2008 में जब सिंगरौली जिला अस्तित्व में आया, तब जिला मुख्यालय बैढ़न में अधोसंरचनाओं की कमी के कारण वरिष्ठ अधिकारियों के आवास की व्यवस्था एनटीपीसी विंध्याचल परिसर में की गई थी। समय के साथ बैढ़न में आधुनिक सरकारी आवास तैयार हो गए, पर परंपरा जस की तस रही। हर कलेक्टर और एसपी ने एनटीपीसी की सुरक्षित, आरामदायक सीमाओं में रहना ही बेहतर समझा, जहां जनता की पहुँच लगभग असंभव थी।लेकिन नवागत कलेक्टर गौरव बैनल ने इस ‘सुविधाजनक परंपरा’ को चुनौती दी। उन्होंने महसूस किया कि सुरक्षा की ऊँची दीवारें जनता और प्रशासन के बीच की दूरी बढ़ा रही हैं। इसी सोच के साथ उन्होंने एनटीपीसी का आलीशान बंगला ठुकराकर जिला मुख्यालय बैढ़न स्थित कलेक्टर निवास में रहने का फैसला किया। कलेक्टर बैनल का यह कदम बताता है कि उनके लिए “कलेक्टर का पद” सत्ता का प्रतीक नहीं, बल्कि जनसेवा का माध्यम है। “कलेक्टर का घर जनता से दूर नहीं, बल्कि जनता के बीच होना चाहिए,”यही भावना उनके निर्णय में झलकती है। गौरव बैनल का यह फैसला केवल आवास परिवर्तन नहीं, बल्कि प्रशासनिक सोच में परिवर्तन की दिशा है। यह संदेश देता है कि जनता से नज़दीकी सुरक्षा घेरे से नहीं, संवाद और संवेदना से बनती है। “कलेक्टर बैनल ने साबित कर दिया कि असली ताकत पद में नहीं, बल्कि जनता के बीच रहने की नीयत में होती है।” कलेक्टर के इस निर्णय ने आम जनमानस में सम्मान की लहर दौड़ा दी है। नगर के हर वर्ग में चर्चा है कि अब कोई भी व्यक्ति बिना किसी झंझट के सीधे अपने कलेक्टर तक पहुँच सकेगा। नगर निगम के कर्मचारी भी बंगले की सफाई और व्यवस्था को लेकर उत्साहित नज़र आए। शुक्रवार को स्वयं कलेक्टर बैनल आवास का निरीक्षण करने पहुँचे और आवश्यक सुधार के निर्देश दिए। गौरव बैनल ने यह दिखा दिया है कि जब प्रशासनिक शक्ति में मानवीय संवेदना जुड़ जाती है, तो विश्वास और जुड़ाव की एक नई कहानी लिखी जाती है।सिंगरौली के लोगों के लिए यह कदम सिर्फ एक स्थान परिवर्तन नहीं, बल्कि जनता से सीधा जुड़ने वाली नई शुरुआत है।