-
☰
मध्य प्रदेश: तेंदूखेड़ा में सीएम राइज मॉडल स्कूल के पास कचरा केंद्र से बच्चों की सेहत पर संकट, प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग
- Photo by :
संक्षेप
मध्य प्रदेश: दमोह जिले के तेंदूखेड़ा में सीएम राइज मॉडल स्कूल के बगल में बनाए गए घरेलू हानिकारक कचरा अपशिष्ट केंद्र ने स्थानीय बच्चों और स्कूल की पढ़ाई को गंभीर प्रभावित किया है।
विस्तार
मध्य प्रदेश: दमोह जिले के तेंदूखेड़ा में सीएम राइज मॉडल स्कूल के बगल में बनाए गए घरेलू हानिकारक कचरा अपशिष्ट केंद्र ने स्थानीय बच्चों और स्कूल की पढ़ाई को गंभीर प्रभावित किया है। इस केंद्र में फेंके जा रहे गंदे और हानिकारक पदार्थों की वजह से आसपास की हवा और जल स्रोत प्रदूषित हो चुके हैं, जिससे बच्चों को खांसी, बुखार, दस्त जैसी बीमारियां हो रही हैं। स्कूल के प्रधानाचार्य आचार्य जी और अध्यापक कई बार कलेक्टर महोदय को इस समस्या की जानकारी देकर समाधान की मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी भी किस्म का प्रभावी निराकरण नहीं हुआ है। इस कचरे के कारण स्कूल परिसर में बदबू और गंदगी फैली हुई है, जिससे बच्चों का पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ा है। कचरे की जलाने से निकलने वाला धुआं बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहा है और स्कूल परिसर में फैल रहा है। यह स्थिति न केवल बच्चों की शारीरिक सेहत को प्रभावित कर रही है, बल्कि मानसिक रूप से भी उनके अध्ययन की क्षमता कम कर रही है। स्थानीय लोग और स्कूल प्रबंधन दोनों इस समस्या को गंभीर मानते हुए प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की अपील कर रहे हैं। स्कूल की पढ़ाई और बच्चों की सेहत दोनों के लिए यह एक गंभीर संकट है। शिक्षा ही बच्चों का भविष्य होता है, लेकिन जब वे स्वस्थ न रहें तो उनका भविष्य कैसे उज्जवल होगा? इस समस्या के समाधान के लिए एक संगठित और प्रभावी कदम उठाना आवश्यक है, जिसमें कलेक्टर कार्यालय से लेकर स्थानीय प्रशासन और पर्यावरण विभाग तक सभी को मिलकर काम करना होगा। इस कचरा केंद्र के स्थानांतरण या उसकी उचित सफाई व प्रबंधन के बिना बच्चों का स्वास्थ्य लगातार खतरे में रहेगा। इस स्थिति पर ध्यान देते हुए राज्य सरकार को चाहिए कि वे तेंदूखेड़ा क्षेत्र में तुरंत जांच कराएं, अपशिष्ट केंद्र के विशेषज्ञ पर्यावरणीय उपाय करें और स्कूल के आसपास साफ-सफाई का उचित प्रबंध करें। इसके अलावा, स्थानीय लोगों को भी इस संदिग्ध गतिविधि के खिलाफ जागरूक होना होगा और सामूहिक रूप से कचरा प्रबंधन प्रणाली में सुधार के लिए कदम उठाने होंगे। यह समस्या पूरे दमोह जिले के लिए एक उदाहरण है कि कैसे पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा का संतुलन बनाए रखना जरूरी है। अगर भविष्य की पीढ़ी स्वस्थ नहीं रहेगी तो देश का विकास भी बाधित होगा। इसलिए समय रहते प्रभावी कार्यवाही करके बच्चों को स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण देना सबका दायित्व है।