Contact for Advertisement 9650503773


उत्तर प्रदेश: अयोध्या से कामाख्या तक दंडवत यात्रा पर रामपुर के अर्जुन

- Photo by : SOCIAL MEDIA

उत्तर प्रदेश  Published by: Raju , Date: 22/09/2025 03:18:09 pm Share:
  • उत्तर प्रदेश
  • Published by: Raju ,
  • Date:
  • 22/09/2025 03:18:09 pm
Share:

संक्षेप

उत्तर प्रदेश: अयोध्या से कामाख्या तक दंडवत यात्रा पर निकले युवा सन्यासी" मीरगंज। रामपुर के अर्जुन गंगवार की 18 माह लम्बी दंडवत यात्रा, जो कामाख्या देवी के चरणों में समर्पण की बनेगी

विस्तार

उत्तर प्रदेश: अयोध्या से कामाख्या तक दंडवत यात्रा पर निकले युवा सन्यासी" मीरगंज। रामपुर के अर्जुन गंगवार की 18 माह लम्बी दंडवत यात्रा, जो कामाख्या देवी के चरणों में समर्पण की बनेगी मिशाल  जहां आज की युवा पीढ़ी आधुनिकता की दौड़ में लगी है, वहीं गांव दलकी, तहसील विलासपुर जनपद रामपुर निवासी युवा अर्जुन गंगवार, सच्ची आस्था और सेवा की मिशाल बनकर उभरे हैं। 16 सितम्बर 2025 को सुबह 11 बजे अर्जुन ने रामपुर जनपद के प्रसिद्ध रिठौंडा शिव मंदिर से दंडवत यात्रा आरम्भ की -लक्ष्य है असम के गुवाहटी स्थित कामाख्या देवी के दर्शन। यह यात्रा कोई साधारण पदयात्रा नहीं, बल्कि हर रोज 03 से 04 किलोमीटर तक दंडवत प्रणाम करते हुए की जा रही कठिनतम धार्मिक साधना है, जो 18 से 20 महीने तक चलेगी। 

भक्ति की शुरूआत राम के नाम से, अब देवी के चरणों तक  अर्जुन ने पहली बार 17 वर्ष की आयु में भक्ति का गहन अनुभव किया, जब वे 22 जनवरी 2024 को साइकिल से अकेली ही अयोध्या पहुंचे। केवल 05 दिनों में यह यात्रा पूरी की। भगवान श्रीराम की जन्म भूमि से दर्शन उपरांत प्रसाद लेकर लौटे और रास्ते में मिलने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद बांटते रहे। इस यात्रा ने उन्हें भीतर तक बदल दिया। इसके बाद उन्होंने साइकिल से ही चारधाम (यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ) व हेमकुंड साहिब की कठिन यात्राएं पूरी कीं। इतना ही नहीं, 61 लीटर जल हरिद्वार से लेकर अपने गांव लौटे, और पूरे सावन माह स्थानीय शिव मंदिर में प्रत्येक  आस्थावान ग्रामीण से जलाभिषेक करवाते रहे। 

मिशन मातृशक्ति के लिए समर्पण और स्वावलम्बन  कामाख्या देवी तक दंडवत यात्रा कर रहे अजुर्न का पांचवें दिन पड़ाव जनपद बरेली के मीरगंज इलाके के हाइवे पर कुल्छा खुर्द गांव के एक होटल पर हुआ। जब जागरण टुडे संबाददाता ने पूरी जानकारी हांसिल करते हुए बात की। जिस पर अर्जुन ने बताया कि इस बार की यात्रा सिर्फ भक्ति तक सीमित नहीं है। अर्जुन का कहना है कि मेरा उददेश्य है मातृशक्ति ( महिलाओं और बहनों) को आत्म निर्भर बनाना, उन्हें अलग ढंग से कुछ कर गुरजने का मार्ग प्रशस्त करना। वे मानते हैं कि जब तक प्रभु श्रीराम, भोलेनाथ और मां कामाख्या की कृपा बनी है, तब तक कोई भी डर, कोई भी बाधा उनके मार्ग में रूकावट नहीं बन सकती।  पारिवारिक पृष्ठभूमि, सामान्य लेकिन आत्मबल से भरी  अर्जुन के पिता कैलाश गंगवार एक प्राइवेट वाहन चालक हैं और वह तीन भाईयों में मध्य के हैं। एवं एक बहन भी है। परिवार सामान्य जीवन जीता है, लेकिन अर्जुन की भक्ति ने उन्हें असाधारण बना दिया है।
 

Related News

उत्तर प्रदेश: विन्ध्य महोत्सव मीरजापुर, देवी गीतों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से भक्त हुए मंत्रमुग्ध, कलाकारों का हुआ सम्मान

उत्तर प्रदेश: स्कूल के चपरासी ने किया छात्रा के साथ दुष्कर्म का प्रयास, परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज

हरियाणा: फतेहाबाद में सर्वत्र शिक्षा समिति द्वारा गांवों में संस्कार पाठशालाओं का शुभारंभ

मध्य प्रदेश: झाबुआ के युवा विकेश मचार का डीएसपी पद पर चयन, कलेक्टर ने दी बधाई और युवाओं को प्रेरित किया

मध्य प्रदेश: एमआईएमटी कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना का स्थापना दिवस संगोष्ठी समारोह आयोजित

उत्तर प्रदेश: दादरी में सब्जी व्यापारी जगन धोबी पर हमला, हाथ फ fracture और ₹5000 लूटने का आरोप, इलाके में तनाव


Featured News