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हरियाणा: मनुस्मृति दहन दिवस पर मनाया गया महिला सम्मान दिवस 

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हरियाणा  Published by: Anil , Date: 26/12/2024 11:40:11 am Share:
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संक्षेप

हरियाणा: दिनांक 25 दिसम्बर 2024 को सामाजिक संगठनों के संयुक्त मंच द्वारा मनुस्मृति दहन दिवस पर महिला सम्मान दिवस के रूप में एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन कबीर कृपा गेस्ट हाऊस में किया गया। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से समाज के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल हुए।

विस्तार

हरियाणा: दिनांक 25 दिसम्बर 2024 को सामाजिक संगठनों के संयुक्त मंच द्वारा मनुस्मृति दहन दिवस पर महिला सम्मान दिवस के रूप में एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन कबीर कृपा गेस्ट हाऊस में किया गया। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से समाज के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल हुए।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. ब्रिजेश कटियार ने कहा कि उनका संगठन भारतीय संविधान के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए जनजागृति अभियान चला रहा है। उन्होंने बताया कि 25 दिसम्बर 1927 को बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने मनुस्मृति को जलाया था क्योंकि इस ग्रंथ में जातिवाद और पिछड़ी जातियों के प्रति अन्यायपूर्ण बातें लिखी गई थीं। डॉ. अंबेडकर ने मनुस्मृति को जलाकर ब्राह्मणवाद और कथित भेदभावकारी नीतियों का विरोध किया था।

विशिष्ट वक्ता बैकुण्डनाथ भारतीय ने कहा कि डॉ. अंबेडकर का मानना था कि जातिवाद हिंदू धर्म पर एक कलंक है, और इसे समाप्त करने की आवश्यकता है। उनका यह भी मानना था कि हिंदू समाज में ऊंच-नीच की कोई व्यवस्था नहीं होनी चाहिए और दलितों को मंदिरों, तालाबों और अन्य सुविधाओं पर समान अधिकार मिलना चाहिए।

इसके बाद, उन्होंने मनुस्मृति को जलाने को एक क्रांति के रूप में देखा, जो समाज में समानता और न्याय की ओर एक बड़ा कदम था। हर साल 25 दिसम्बर को मनुस्मृति दहन दिवस मनाया जाता है, जिसे समानता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

कार्यक्रम में कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे, जिनमें गोविंद नारायण, देवीप्रसाद निषाद, औसान सिंह, जगत पाल, हरिशंकर वर्मा, शिवकुमार, सुरेश कुमार वर्मा, डा. एस.के. चौधरी, एड. सोनेलाल गौतम, एड. कमल कुमार, रामपाल नागवंशी, रंजीत खन्ना, अनमोल खन्ना, श्रेष्ठ खन्ना, हरिनारायण बौद्ध, महेश मानव, रंजन पासी, रमेश वर्मा, मास्टर तुलसीराम, अनिल प्रजापति, चंद्रप्रकाश बौद्ध, एड. बुद्ध सिंह, राहुल वर्मा, हिमॉशू, सीमा कटियार, रिंकी साहू, संजय वर्मा, मनोज वर्मा (कबीर विचार संस्थान), गौरी शंकर वर्मा, राजेश कोरी, उमेश कुरील, उमाकांत, प्रताप साहनी, डॉ. दिवाकर प्रजापति, केशव प्रसाद प्रजापति, इंजी. जे.एन. प्रजापति, डा. जयप्रकाश प्रजापति, कृष्ण कुमार प्रजापति, रामकुमार कोरी, शिवनारायण कुरील, कुमारी रुखसाना, एड. गया प्रसाद वर्मा, एड. कैलाश नाथ, शिव शंकर, विजय लाल पासी, रंजन पासी, जागेश्वर कैथल, सुनील कुमार, नवीन, विक्रांत सिंह अंबेडकर, अजीत खोटे, शैलेश, लखन सिंह, संतोष वर्मा, नरेश वैश्य, नितिन भारती, यश कुमार, प्रेमचंद, चंद्रिका प्रसाद बौद्ध, कमला बाल्मीकि, आशाराम पाल, सरोज सविता, अभय बाल्मीकि, विमल, कुलदीप शिखा प्रजापति, कमला प्रजापति, रेनू, रिंकी साहू, मंजू कुशवाहा, विकास चौधरी, अनमोल गौतम, सुनील कुमार, नीशू, रवि, विनय प्रकाश, प्रेम बाबू, H.R. यादव, केपी सिंह, अमित नागवंशी आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता देवीप्रसाद निषाद ने की, और संचालन का कार्य चमन खन्ना ने किया।

यह आयोजन महिला सम्मान दिवस के रूप में महिलाओं के अधिकारों और समानता के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण कदम था।


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